सुपरटेक में घर खरीदारों के लिए गुड न्यूज... प्रोजेक्ट पूरा करने को मिलेगा 1600 करोड़ का लोन

Supreme Court ने एनसीएलएटी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए सुपरटेक प्रमोटरों को प्राथमिकता के आधार पर धन जुटाने और परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की अनुमति दी है. कोर्ट ने एनसीएलएटी के सीओसी के गठन न करने और आईबीसी बोली प्रक्रिया के साथ आगे नहीं बढ़ने के आदेश को भी मंजूरी दी है.

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सुपरटेक डेवलपर्स को बड़ी राहत सुपरटेक डेवलपर्स को बड़ी राहत

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2023,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST

सुपरटेक (Supertech) के फ्लैट खरीदरों के लिए अच्छी खबर है. सुपरटेक की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रियल्टी डेवलपर ओक्ट्री फाइनेंशियल से 1200-1600 करोड़ रुपये जुटाएगी. सुपरटेक को ये लोन मिलने का रास्ता लगभग साफ नजर आ रहा है. इस रकम से रियल्टी कंपनी के 20,000 अनडिलिवर्ड प्रोजेक्ट को अगले दो सालों में पूरा करेगी. इससे सुपरटेक के ईको विलेज 1,2,3 और अपकंट्री, केपटाउन जैसे प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकेंगे. 

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सुप्रीम कोर्ट ने दी है अनुमति
मुश्किलों में घिरी सुपरटेक कंपनी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से लोन लेने की अनुमति दी है, जिसके बाद ये बड़ी खबर आई है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी (NCLT) के 10 जून 2022 के आदेश को बरकरार रखते हुए रियल्टी ग्रुप सुपरटेक लिमिटेड द्वारा एनसीएलएटी की समाधान योजना को हरी झंडी दे दी है. 

शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए प्रमोटरों को प्राथमिकता के आधार पर धन जुटाने और परियोजनाओं को ज्लद पूरा करने की अनुमति दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के सीओसी के गठन न करने और आईबीसी बोली प्रक्रिया के साथ आगे नहीं बढ़ने के आदेश को भी मंजूरी दी है.  

होम बायर्स को दिलाया भरोसा
Supertech की ओर से एनसीएलएटी और सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया गया था कि उसने अपनी अटकी परियोजनाओं के निर्माण में गति लाने और उन्हें पूरा करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े निवेश फंडों में से एक ओक्ट्री फाइनेंशियल कंपनी से 1600 करोड़ रुपये तक की प्राथमिकता वाली फंडिंग की व्यवस्था कर ली है.  

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सुपरटेक ग्रुप के अध्यक्ष आर के अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया और कहा कि यह सभी हितधारकों - होम बायर्स, अथॉरिटीज, कर्जदारों और अन्य वित्तीय लेनदारों के पक्ष में एक ऐतिहासिक निर्णय है, क्योंकि समाधान योजना में कंपनी की सभी देनदारियों का ख्याल रखा गया है. आर के अरोड़ा (R K Arora) ने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि कंपनी सभी परियोजनाओं को पूरा करेगी और अगले दो वर्षों के भीतर बायर्स को फ्लैटों की डिलीवरी देगी.

रियल्टी कंपनी को बीते साल लगे बड़े झटके
सुपरटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर (Superteck MD) मोहित अरोड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से सभी तरह की अनिश्चितता दूर हो गई है और इससे समूचे रियल एस्टेट क्षेत्र को भी रफ्तार मिलेगी. इस फैसले के बाद सुपरटेक ने घर खरीदारों को आश्वासन दिया कि उनके फ्लैट बहुत जल्द दिए जाएंगे. गौरतलब है कि बीते साल सुपरटेक को कई बड़े झटके झेलने पड़े थे, इनमें से सबसे बड़ा ट्विन टावर को गिराना था. अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था, और फिर उसे जमींदोज कर दिया गया था.  

 

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