Positive News: 'समृद्ध' भारतीय आप हैं या नहीं? अगर इतना कमाते हैं तो फिर Yes

लोगों की समृद्धि में तेज ग्रोथ के मायने हैं कि बीते 3 साल में इक्विटी (Equity), गोल्ड (Gold), प्रॉपर्टी (Property) समेत फाइनेंशियल और फिजिकल एसेट्स में तेज इजाफा हुआ है. 

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आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST

अगले 4 सालों में यानी 2027 तक 'समृद्ध' भारतीयों की संख्या 10 करोड़ के पार होने का दावा गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) की रिपोर्ट में किया गया है. इसके असर से भारतीय कंज्यूमर्स लग्जरी गुड्स से लेकर शेयर मार्केट, SUV से लेकर ज्वेलरी समेत तमाम लग्जरी गुड्स पर असर डालेंगे. गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट 'द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया' में समृद्धि की परिभाषित के तहत कहा गया है कि जिन भारतीयों की सालाना इनकम 8.3 लाख रुपये से ज्यादा है वो 'समृद्ध' की कैटेगरी में आते हैं. इस वर्ग की संख्या फिलहाल 6 करोड़ है जो 2027 तक 67 फीसदी के उछाल के साथ 10 करोड़ के पार हो जाएगी. 

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'समृद्ध' भारतीयों की संख्या में बढ़ोतरी
गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में फिलहाल करीब 4 फीसदी वर्किंग पापुलेशन यानी कामकाजी आबादी है जो 8.28 लाख रुपये से ज्यादा कमाती है. ये आंकड़ा भारत की 2,100 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय से कई गुना ज्यादा है. इस वर्ग का तेजी से विस्तार हुआ है और 2019 से 2023 के बीच इसमें 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि इस दौरान देश की जनसंख्या 1 फीसदी बढ़ी है. लोगों की समृद्धि में तेज ग्रोथ के मायने हैं कि बीते 3 साल में इक्विटी (Equity), गोल्ड (Gold), प्रॉपर्टी (Property) समेत फाइनेंशियल और फिजिकल एसेट्स में तेज इजाफा हुआ है. 

इक्विटी, गोल्ड और प्रॉपर्टी ने किया लोगों को मालामाल
बीते 3 साल में इक्विटी और गोल्ड में सबसे ज्यादा तेजी आई है, जबकि प्रॉपर्टी की कीमतें बीते 3 से 4 साल में जोरदार रिटर्न देने में कामयाब रही हैं. 2023 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या 2.8 गुना बढ़कर 11.4 करोड़ हो गई है. 2019 और 2023 के बीच भारतीयों के पास मौजूद सोने की वैल्यू 63 फीसदी बढ़कर 149.17 लाख करोड़ रुपए हो गई है. इसके अलावा ज्वेलरी, ट्रैवल, रिटेल और हेल्थकेयर सेक्टर्स में भी अच्छी ग्रोथ देखी गई है.

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लग्जरी आइटम्स की बिक्री में आया उछाल
रिपोर्ट के मुताबिक FMCG, फुटवियर, फैशन, पैसेंजर व्हीकल्स और टू व्हीलर्स समेत सभी इंडस्ट्रीज में प्रीमियम प्रोडक्ट्स की डिमांड में तेज ग्रोथ देखने को मिली है. वहीं उच्च आय वर्ग की खपत वाले प्रॉडक्ट्स पर फोकस करने वाली कंपनियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. कई कंपनियों के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में भी काफी बदलाव आया है। 2018-19 के बाद से क्रेडिट कार्ड ओनरशिप में 80 फीसदी ग्रोथ हुई है. इस दौरान क्रेडिट कार्ड से खर्च में 250 परसेंट की ग्रोथ आई है. 

कोविड-19 से बेअसर रहने वाली कंपनियों को मोटा मुनाफा
गोल्डमैन के एनालिस्ट्स का कहना है कि टॉप-एंड कंजम्पशन में ये उछाल ऐसे ही बना रहेगा. इससे लेज़र, आउट-ऑफ-होम फूड, ज्वेलरी, इंस्टीट्यूशनल मेडिकल सर्विसेस और ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टर्स में तेजी जारी रहेगी. इन सेक्टर्स की कंपनियां भी मुनाफा कमाने में सबसे आगे रहेंगी. इन सेक्टर्स पर कोविड का भी कोई असर नहीं हुआ था.

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