E-Shram Card: सीधे अकाउंट में आता है पैसा, जुड़ चुके हैं 27.28 करोड़ लोग, केवल न करें ये गलती

अगर आपके बैंक अकाउंट की केवाईसी नहीं हुई है, तो ऐसे में भी किस्त के अटकने का खतरा रहता है. जिन लोगों के बैंक अकाउंट की केवाईसी नहीं हुई है, वे नुकसान उठाने से बचने के लिए जल्दी ही यह काम कर लें. इसकी प्रक्रिया भी बहुत आसान है.

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करोड़ों लोगों को मिल रहा लाभ करोड़ों लोगों को मिल रहा लाभ

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST
  • असंगठित क्षेत्र के कामगारों को मिलते हैं लाभ
  • 27 करोड़ से ज्यादा लोगों का हो चुका रजिस्ट्रेशन

केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले असंगठित क्षेत्र के कामगारों की मदद के लिए ई-श्रम कार्ड योजना (E-Shram Card Scheme) की शुरुआत की थी. इस योजना से बड़े स्तर पर असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को लाभ मिल रहा है. योजना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, देश में अब तक इस स्कीम के तहत करीब 27.28 करोड़ ई-श्रम कार्ड इश्यू हो चुके हैं.

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इस गलती पर कैंसिल हो जाएगा कार्ड

अगर किसी ने भी ई-श्रम कार्ड के लिए अप्लाई करते समय कोई भी गलत जानकारी दी होगी, तो उसका ई-श्रम कार्ड कभी भी कैंसिल हो सकता है. गलती पाए जाने पर रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने का रिस्क रहता है. जिन लोगों ने ऐसी गलतियां की होंगी, उन्हें ई-श्रम कार्ड योजना की दूसरी किस्त नहीं मिलेगी. इससे बचने के लिए आवेदन करते समय सभी जानकारियों को दोबारा चेक करें और सुनिश्चित कर लें कि कोई गलती नहीं छूट जाए.

इन कारणों से भी अटक सकती है किस्त

इसके अलावा अगर आपके बैंक अकाउंट की केवाईसी नहीं हुई है, तो ऐसे में भी किस्त के अटकने का खतरा रहता है. जिन लोगों के बैंक अकाउंट की केवाईसी नहीं हुई है, वे नुकसान उठाने से बचने के लिए जल्दी ही यह काम कर लें. इसकी प्रक्रिया भी बहुत आसान है. आपको बस एक बार अपने बैंक का ब्रांच विजिट करना होगा. बैंक में आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी जमा कराते ही केवाईसी हो जाती है. परेशानियों से बचने के लिए बैंक अकाउंट से अपना मोबाइल नंबर लिंक करना भी जरूरी है.

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राज्य सरकारें भी देती हैं फायदे

ई-श्रम कार्ड योजना के तहत रजिस्टर्ड लोगों को केंद्र सरकार से तो लाभ मिलता ही है, इसके साथ ही राज्य सरकारें भी समय-समय पर अपनी ओर से पैसे देती हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ऐन पहले राज्य सरकार ने करोड़ों कामगारों के खाते में एक-एक हजार रुपये डालने का ऐलान किया था. उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से कामगारों को भरण-पोषण भत्ता के रूप में 500-500 रुपये हर महीने दिए जा रहे हैं.

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