Jewellery Vs Gold Coin: ज्वैलरी नहीं, खरीदें सोने के सिक्के... बरसेंगे पैसे, ये फायदा कोई नहीं बताएगा!

Benefits of Gold Coin: महिलाओं का ज्यादा जोर ज्वैलरी खरीदने पर होता है. लेकिन उन्हें इस नुकसान के बारे में गहराई से पता नहीं होता है, और ज्वैलर कभी किसी भी ग्राहक को इस बारे में नहीं बताता है.

Advertisement
Disadvantages of Gold Jewellery Disadvantages of Gold Jewellery

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

सोना सस्ता है. कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद सोने का भाव प्रति 10 ग्राम करीब 6000 रुपये गिरा है. अचानक सोने में इस कटौती से लोग निवेश का मूड बना रहे हैं. ज्वैलर्स भी मान रहे हैं कि पिछले दो हफ्तों से सोने के भाव को लेकर पूछताछ बढ़ गई है. अगर आप भी सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो एक बात का जरूर ध्यान रखें. 

Advertisement

दरअसल, अधिकतर लोग अभी भी डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) खरीदने से बचते हैं. लोग फिजिकली ज्वैलरी खरीदने ज्यादा पसंद करते हैं. हमारे देश में सोने को निवेश के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. ऐसे में अधिकतर लोग एक गलती कर जाते हैं और बाद में उन्हें फिर पछताना पड़ता है. अगर आप निवेश के लिए गोल्ड ज्वैलरी खरीद रहे हैं तो ये घाटे का सौदा साबित हो सकता है.

बता दें, महिलाओं का ज्यादा जोर ज्वैलरी खरीदने पर होता है. लेकिन उन्हें इस नुकसान के बारे में गहराई से पता नहीं होता है और ज्वैलर कभी किसी भी ग्राहक को इस बारे में नहीं बताता है. ज्वैलर अपने फायदे के लिए हमेशा ग्राहकों को ज्वैलरी खरीदने की सलाह देता है.

मेकिंग चार्ज के लपेटे में ग्राहक

ज्वैलरी खरीदते समय ग्राहकों को तीन चीजों का भुगतान करना होता है. पहला- ज्वैलरी की कीमत (वजन के हिसाब से), दूसरा- मेकिंग चार्ज (Making Charge) और तीसरा- जीएसटी (3 फीसदी) देना होता है. ज्वैलरी का भुगतान आप ऑनलाइन करें या ऑफलाइन, इस पर आपको केवल 3 फीसदी ही GST का भुगतान करना होता है.

Advertisement

लेकिन अगर आप भी निवेश के नजरिये ज्वैलरी खरीदते हैं तो अब फैसला बदल दीजिए. आपके लिए फायदे का सौदा ये होगा कि आप सोने के सिक्के या गोल्ड बिस्किट खरीदें. सोने का सिक्का 1 ग्राम का भी मिलता है. ज्वैलरी के मुकाबले सिक्के से भविष्य में ज्यादा रिटर्न मिलेगा. 

दरअसल, जब आप ज्वैलरी खरीदते हैं और उसमें आपको मेकिंग चार्ज भुगतान करना पड़ता है, आमतौर पर ज्वैलर्स 15 से 20 फीसदी तक मेकिंग चार्ज जोड़ देता है. डिजाइनर ज्वैलरी में ये मेकिंग चार्ज 25 से 30 फीसदी तक लगा दिया जाता है. अब सोचिए अगर आप एक लाख रुपये की ज्वैलरी खरीदते हैं और उसमें 15 से 20 हजार रुपये तक मेकिंग चार्ज होता है. 

ज्वैलरी खरीदने के कई नुकसान

इसके अलावा अगर उस ज्वैलरी में नग लगा होता है तो उसका वजन भी सोने के साथ जुड़ा होता है, यानी जब आप उस ज्वैलरी को बेचने के लिए जाएंगे तो नग का कोई रिटर्न नहीं मिलेगा. क्योंकि जब भी आप उस ज्वैलरी को बेचना या एक्सचेंज करना चाहेंगे, तो उस समय केवल सोने की कीमत लगाई जाएगी, यानी मेकिंग चार्ज के लिए आपने जो भुगतान किया है वो पैसा पानी में चला जाएगा. अब आप सोचिए ज्वैलरी खरीदने से कितना बड़ा नुकसान होता है, यानी ज्वैलरी खरीदने पर ग्राहक को 15 से 20 फीसदी तक का नुकसान तय है. 

Advertisement

अब इसका उपाय क्या है? अगर सोना खरीदकर घर में ही रखना है तो फिर गोल्ड क्वाइन यानी सोने के सिक्क खरीदें, क्योंकि इसे खरीदते समय आपको कोई मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ता है. आपको केवल 3 फीसदी GST चुकाना होगा, यानी बेचने टाइम मेकिंग चार्ज माइनस करने का कोई झंझट नहीं. जब भी आप गोल्ड क्वाइन या गोल्ड बिस्किट बेचने के लिए जाएंगे, तो पूरा पैसा मिलेगा. फिर ज्वैलरी लेकर क्यों घाटा उठाना. 

अगर ज्वैलरी ही खरीदना है तो फिर इन बातों का जरूर ध्यान रखें. क्योंकि अक्सर ज्वैलर ग्राहकों को गुमराह करने के लिए बिल में कई तरह के चार्ज जोड़ देते हैं और ग्राहक जानकारी के अभाव में कुछ नहीं कह पाते. कुछ ज्वैलर्स पॉलिस वेट या फिर लेबर चार्ज के नाम पर कुछ रुपये अलग से चार्ज करते हैं, जो नियम के खिलाफ है. आप बिल्कुल इसका भुगतान ना करें और ज्वैलर्स के खिलाफ शिकायत भी कर सकते हैं.

सही रेट पर ऐसे खरीद ज्वैलरी 
आपको पता होनी चाहिए कि ज्वैलरी 24 कैरेट सोने से नहीं बनती है. बाजार में उपलब्ध अधिकतर ज्वैलरी 22 कैरेट और 18 कैरेट की होती है. इसलिए खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उस दिन सर्राफा बाजार में सोने का भाव क्या है? जिससे आप सही रेट पर ज्वैलरी खरीद पाएंगे. 

Advertisement

सबसे अहम बात यह है कि ज्वैलरी की मेकिंग चार्ज को लेकर मोल-भाव जरूर करें. अधिकतर ज्वैलर मोल-भाव के बाद मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं. क्योंकि ज्वैलरी पर 30 फीसदी तक मेकिंग चार्ज लिया जाता है. ज्वैलर्स को सबसे ज्यादा फायदा मेकिंग चार्ज से ही होता है. 

हमेशा ऑरिजनल बिल (Original Price) लें. ताकि भविष्य में जब आप उस ज्वैलरी को कहीं भी बेचने जाएं तो उसकी प्योरिटी और वजन को लेकर कोई समस्या न हो. जहां तक शुद्धता की बात है तो केवल और केवल हॉलमार्क ज्वैलरी ही खरीदें. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement