दिल्ली-NCR में खूब बिक रहे हैं मकान, दो साल में सबसे ज्यादा बढ़े दाम... मुंबई में सुस्त डिमांड!

डेवलपर्स का मानना है कि डिमांड को देखते हुए कीमतों में तेजी का सिलसिला अभी थमने के आसार नहीं हैं. दिल्ली-NCR में 2 साल में घरों के दाम सबसे ज्यादा 32 फीसदी बढ़े हैं. 

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Housing Demand boom in Delhi NCR Housing Demand boom in Delhi NCR

आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:32 AM IST

देश के रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) में आई तेजी का असर अब निवेशकों और एंड यूज़र्स को मालामाल करने में लगा है. दरअसल, घरों की डिमांड बढ़ने से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और बिना बिके घरों की संख्या में भी कमी आने लगी है. 

आंकड़ों के मुताबिक देश के 8 बड़े रियल एस्टेट मार्केट्स में 2021 से 2023 के बीच 2 साल में घरों की कीमतों में 20 फीसदी की औसत बढ़ोतरी हुई है. वहीं दिल्ली-NCR, बेंगलुरु और कोलकाता में 2 साल में घरों के दाम 30 परसेंट तक बढ़े हैं. इसके असर से दिल्ली-NCR में अनसोल्ड इनवेंट्री 19 फीसदी तक घट गई है. 

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मुंबई में केवल 2% महंगे हुए घर
चेन्नई और पुणे में भी बिना बिके घरों की संख्या इस अवधि में कम हुई है. डेवलपर्स का मानना है कि डिमांड को देखते हुए कीमतों में तेजी का सिलसिला अभी थमने के आसार नहीं हैं. अगर देश के 8 बड़े रियल एस्टेट मार्केट्स में 2021 से 2023 के दौरान 2 साल में घरों की कीमतों में हुए इजाफे पर नजर डालें तो दिल्ली-NCR में 2 साल में घरों के दाम सबसे ज्यादा 32 फीसदी बढ़े हैं. 

इसके बाद बेंगलुरु में प्रॉपर्टी 2 साल में 31 फीसदी, कोलकाता में 30 प्रतिशत, हैदराबाद में 26 फीसदी, पुणे में 24 फीसदी बढ़ी है. अहमदाबाद में प्रॉपर्टी के दाम 18 फीसदी, चेन्नई में 7 परसेंट और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में 2 फीसदी महंगी हुई है. 

ज्यादा डिमांड, कम सप्लाई ने बढ़ाए दाम!
इन कीमतों को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान डिमांड में हुए इजाफे का है. कोरोना में खर्च घटने, ब्याज दरों में गिरावट आने और बड़े घर की चाहत ने प्रॉपर्टी को एंड यूजर्स के लिए ज्यादा आकर्षक और अफोर्डेबल बना दिया. डिमांड बढ़ने से इंवेस्टर्स ने भी इस मार्केट में एंट्री की जिसके चलते कीमतों में भी इजाफा देखने को मिला है. 

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हालांकि अब आगे जाकर कीमतों में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करेगी कि महंगे दाम पर भी डिमांड बनी रहेगी या इसमें सुस्ती आएगी. इसके साथ ही अगर नए लॉन्च ना बढ़े और सप्लाई पर दबाव बना रहा तो भी कीमतों में तेजी जारी रह सकती है. वहीं अगर मुंबई के मार्केट की तरह हालत ओवरसप्लाई की बन गई तो फिर दाम बढ़ने का सिलसिला धीमा हो सकता है.

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