Corona से चीन में हड़कंप, भारत इन चीजों के लिए China पर निर्भर, अब क्या होगा?

भारत इलेक्ट्रॉनिक सामानों के अलावा न्यूक्लियर रिएक्टर्स, ऑर्गनिक केमिकल, प्लास्टिक के सामान, फर्टिलाइजर्स समेत केमिकल उपकरण और अन्य जरूरी सामानों के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर है. चीन में कोरोना के मामलों में आए जबरदस्त उछाल से सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है.

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चीन में कोरोना के विस्फोट से बढ़ सकती है भारत की मुसीबत चीन में कोरोना के विस्फोट से बढ़ सकती है भारत की मुसीबत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

चीन में बेकाबू होते कोरोना (China Corona) ने दुनियाभर में एक बार फिर दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. पहले से ही दुनिया पर मंदी (Recession) का खतरा मंडरा रहा है और उस पर रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) ने परेशानी बढ़ा कर रखी है. ये मुसीबतें कम होने से पहले ही एक बार फिर कोविड के प्रकोप ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए संकट खड़ा कर दिया है. इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) भी इसकी जद में क्योंकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर आर्गनिक केमिकल्स और मेडिकल उपकरण (Medical Equipment) तक चीन से ही खरीदता है. अगर पाबंदियां बढ़ीं तो सप्लाई चेन प्रभावित होने से भारत की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. 

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लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले
Covid का कहर एक बार फिर दुनिया को डराने लगा है. चीन से लेकर जापान तक इसने हाहाकार मचा कर रखा है. सोशल मीडिया पर दिल दहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं. बता दें ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BF7 की वजह से संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. भारत में गुजरात के वडोदरा में भी BF7 का एक केस मिला है.

संक्रमित महिला के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है. बीते 24 घंटे में दुनियाभर में 5.37 लाख केस सामने आए हैं, जबकि 1,396 लोगों की जान गई है. चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में बुधवार को 3,030 नए केस मिले हैं. 

भारत की चीन पर निर्भरता 
चीन भारत का पड़ोसी देश है और व्यापारिक दृष्टि से ये बहुत अहम है. दरअसल, भारत कई सामानों के लिए चीन पर निर्भर है. इनमें इलेक्ट्रॉनिक और मेडिकल उपकरणों से लेकर थोक दवाएं और आर्गनिक केमिकल्स तक शामिल हैं. अब जबकि चीन में एक बार फिर कोरोना विस्फोट (China covid) हुआ है, तो इसके असर से भारतीय फार्मा कंपनियां सबसे ज्यादा सहमी हुई हैं.

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भले ही भारत सरकार दावा कर रही है कि हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और पैनिक की जरूरत नहीं है, फिर भी चीन में पाबंदियां बढ़ने और लॉकडाउन (China Lockdown) से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई मायनों में प्रभाव देखने को मिल सकता है. 

चीन से आते हैं ये जरूरी सामान
चीन में विस्फोटक होती कोरोना की स्थिति के चलते अगर कड़ी पाबंदियां लगाई जाती हैं, तो फिर सप्लाई चेन (Supply Chain) एक बार फिर प्रभावित होगी. ऐसे में भारतीय कंपनियों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी. दरअसल, भारत में जो 10 सबसे महत्वपूर्ण चीजें चीन से आती हैं. उनमें इलेक्ट्रॉनिक सामान के बाद न्यूक्लियर रिएक्टर्स (Neculear Reactors), बॉयलर, ऑर्गनिक केमिकल (Organic Chemicals), प्लास्टिक के सामान, फर्टिलाइजर्स, ऑटो पार्ट्स, केमिकल उपकरण, आयरन एंड स्टील और एल्युमिनियम शामिल है.

भारत चीन से बड़े पैमाने पर Smartphones, टीवी किट (TV Kit), डिस्प्ले बोर्ड, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप, पेन ड्राइव और एलईडी बोर्ड समेत अन्य सामान खरीदता है. इसका कारोबार भी बहुत बड़ा है. इसके अलावा हर तरह के आर्गनिक केमिकल्स और उनके एलिमेंट्स के साथ खाद, खाद से जुड़े दूसरे सामान भी चीन से आयात किए जाते हैं. मेडिकल सेक्टर भी चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है, क्योंकि सस्ते मेडिकल और ओटी उपकरण बड़ी संख्या में चीन से ही आयात किए जाते हैं. 

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फार्मा कंपनियों की बढ़ सकती है मुसीबत
भारत में चीन से जो आर्गनिक केमिकल्स आते हैं, उनमें एपीआई (Active Pharmaceutical Ingredient) भी शामिल है. यानी दवाएं तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के लिए भी पड़ोसी देश पर निर्भरता ज्यादा है. अगर इनकी सप्लाई प्रभावित होती है, तो सन फार्मास्युटिकल्स, ग्लेनमार्क, मैनकाइंड और डॉ. रेड्डीज जैसी घरेलू कंपनियां की मुसीबतें बढ़ सकती है. इसके साथ दी देश में दवाओं के दाम में उछाल देखने को मिल सकता है. 

 

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