उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के सहकारी भूमि विकास बैंक ने 57 'कर्जदार' किसानों की कृषिभूमि 10 से 22 जून के बीच नीलाम करने की तैयारी पूरी कर ली है.
सहकारी भूमि विकास बैंक के जिला प्रबंधक जी एल त्रिवेदी ने गुरुवार को बताया कि जिले के 57 किसानों के ऊपर बैंक का करीब 50 लाख रुपये बकाया हैं. इन किसानों को कर्ज अदायगी के लिए बैंक ने भरपूर समय दिया था. लेकिन कर्जमाफी के भ्रम में किसानों ने अदायगी नहीं की, जिससे बैंक को कृषि भूमि नीलामी जैसा कड़ा फैसला लेना पड़ा है.
उन्होंने कहा, 'बकायेदार किसानों की भूमि की नीलामी 10 से 22 जून के बीच होनी तय की गई है. इस बीच किसान चाहें तो कर्ज चुकाकर अपनी जमीन नीलाम होने से बचा सकते हैं.'
भूमि नीलामी की घोषणा पर बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'किसानों के प्रति केंद्र और राज्य सरकारों का एक जैसा रवैया है. यही उनका असली चेहरा है. सरकारें चाहती हैं कि किसान भूमिहीन हो जाएं तो उनकी आमदनी दोगुनी करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.'
वहीं, तिंदवारी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक बृजेश प्रजापति ने कहा कि बैंक की यह कार्रवाई किसानों के साथ घोर अन्याय है, भूमि की नीलामी रोके जाने के लिए वह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे.
अमित कुमार दुबे