इस साल बैंकों को लगा 41 हजार करोड़ का चूना, 4 साल में बढ़ी धोखाधड़ी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बैंकों को इस साल धोखाधड़ी की वजह से 41,167.7 करोड़ रुपये का चूना लगा है.

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आरबीआई के ताजा आंकड़ों में हुआ खुलासा आरबीआई के ताजा आंकड़ों में हुआ खुलासा

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 31 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

वैसे तो 2018 में पंजाब नेशनल बैंक के साथ हुए करीब 13 हजार करोड़ रुपये के फ्रॉड की सबसे ज्‍यादा चर्चा हुई लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल बैंकों को 40 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का चूना लग गया. आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि 2017-18 में  बैंकों को करीब 41,167.7 करोड़ रुपये का चूना लगा है. पिछले साल यह आंकड़ा करीब 23,933 करोड़ रुपये था. यानी पिछले साल के फ्रॉड की रकम से 72 फीसदी अधिक है.

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आरबीआई की ओर से यह भी बताया गया है कि बीते चार चालों में बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. 2013-14 में 10,170 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले सामने आए थे, जो 2018 में 41,167.7 करोड़ रुपये हो गया है. इस लिहाज से यह 4 गुना ज्‍यादा है.

2017-18 में धोखाधड़ी के 5,917 मामले

2017-18 में ऑफ-बैलेंस शीट ऑपरेशन, विदेशी मुद्रा लेनदेन, जमा खातों और साइबर गतिविधि से संबंधित धोखाधड़ी अहम है. 2017-18 में बैंक धोखाधड़ी के 5,917 मामले थे, जो पिछले वर्ष के 5,076 मामलों के मुकाबले आधी हैं. आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि इस साल बैंकों ने सबसे अधिक साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किये. 2017-18 में 2,059 मामलों में 109.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि पिछले वर्ष 1,372 मामलों के साथ 42.3 करोड़ रुपये था.

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40,400 करोड़ का बैड लोन रिकवर किया

बता दें कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट में बताया है कि बैंकों ने वित्त वर्ष 2018 में फंसे कर्ज की रिकवरी में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. मार्च 2018 में खत्म वित्त वर्ष में बैंकों ने 40,400 करोड़ रुपये का बैड लोन रिकवर किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017 में 38,500 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई थी. इसका श्रेय इन्सॉलवेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (IBC) और सिक्यॉरिटाइजेशन ऐंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनैंशल ऐसेट्स ऐंड इंफोर्समेंट ऑफ सिक्यॉरिटी इंटरेस्ट्स (SARFAESI) ऐक्ट में संशोधन को दिया गया है.

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