भारत के पास चौथी औद्योगिक क्रांति का अवसर, बदलेंगे हालात: DIPP

भारत के पास उद्योग 4.0 यानी चौथी औद्योगिक क्रांति के रूप में एक बड़ा अवसर मौजूद है. लेकिन उसके लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाने और त्वरित रूप से एक सुलभ और सुगम नीतिगत रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है.

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DIPP के सचिव रमेश अभिषेक DIPP के सचिव रमेश अभिषेक

अमित कुमार दुबे

  • दावोस,
  • 23 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

भारत के पास उद्योग 4.0 यानी चौथी औद्योगिक क्रांति के रूप में एक बड़ा अवसर मौजूद है. लेकिन उसके लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाने और त्वरित रूप से एक सुलभ और सुगम नीतिगत रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है.

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) के सचिव रमेश अभिषेक ने विश्व आर्थिक मंच (WEF) की सालाना आम बैठक से इतर एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं, ताकि उद्योगों को बढ़ावा देने वाली अनुकूल नीतियां बनाई जा सके.  

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उन्होंने कहा कि छोटे एवं मझोले आकार के उद्यमों (एसएमई) के पास अगली पीढ़ी की तकनीकी में छलांग लगाने का बड़ा अवसर है, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद हो सकता है.

अभिषेक ने 'उद्योग 4.0 के साथ भारत के भविष्य को आकार देना' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही, यह कार्यक्रम डेलॉयट और उद्योग संगठन सीआईआई ने आयोजित किया. कार्यक्रम में डेलॉयट ग्लोबल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पुनीत रंजन ने कहा भारत में असीम अवसर हैं और यहां कि कारोबारी ईकाइयां उद्योग 4.0 के लिए तैयार हैं.

बता दें, दावोस में चल रही इस बैठक में भारत के करीब 100 के अधिक CEOs हिस्सा ले रहे हैं. WEF में शिरकत करने के लिए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी पहुंचे हैं. कांत का कहना है कि लगातार आर्थिक दिशा में उठाए जा रहे सही कदमों के परिणाम से देश तेजी से आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि भारत शहरीकरण को बढ़ावा दे रहा है. 100 से ज्यादा स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है.

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अमिताभ कांत ने कहा कि शासन और कारोबार करने के कामकाज को बदलने के लिए देश में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर एक बड़ा बदलाव लाया जा रहा है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है. बैंकों की कर्ज देने की क्षमता में फिर सुधार हुआ है. वहीं मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे जैसे वृहद आर्थिक आंकड़े भी हमारे पक्ष में हैं.

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