नोएडा के सेक्टर-94 में स्थित आवासीय प्रोजेक्ट सुपरनोवा ईस्ट और वेस्ट टावर के 497 फ्लैट खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश एमएम कुमार की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर इस प्रोजक्ट की देखरेख सहित सभी कार्यों को पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी है. कमेटी के अन्य दो सदस्यों में सिविल इंजीनियरिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के विशेषज्ञ डॉ. अनूप कुमार मित्तल और वित्तीय प्रबंधन के विशेषज्ञ राजीव मेहरोत्रा भी शामिल हैं.
चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ के इस आदेश के बाद अब बिल्डर सुपरटेक इस परियोजना का हिस्सा नहीं रहेगा. कोर्ट की इस हरी झंडी से अब इन फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है, जिससे सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे बायर्स को कानूनी मालिकाना हक मिल सकेगा.
रजिस्ट्री का रास्ता अब साफ
कई फ्लैट्स के बचे काम और फ्लैट और दुकानों की रजिस्ट्री अब हो पाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में नोएडा प्राधिकरण को बिना बकाया लिए परियोजना के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने और रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए हैं. सुपरटेक के प्रोजेक्ट सुपरनोवा ईस्ट और वेस्ट के खरीदारों ने बिल्डर की बदनीयती और धोखाधड़ी के बारे में नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलएटी में याचिका दायर की थी.
आदेश खरीदारों के पक्ष में आया. उनको सोसायटी का हैंडओवर मिला. इसके बाद घर खरीदारों ने रजिस्ट्री में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुनवाई के बाद आए निर्णय से घर खरीदारों को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों की रजिस्ट्री को प्राथमिकता पर लेने के लिए कहा. परियोजना में जो पैसा आएगा उसे सबसे पहले कार्य किए जाएंगे. उसके बाद बैंक का लोन चुकाया जाएगा. यह सब काम होने के बाद अगर कुछ बचता है तो प्राधिकरण का बकाया चुकाया जाएगा. प्राधिकरण का बकाया रजिस्ट्री में किसी तरह की बाधा नहीं बनेगा.
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सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने प्रोजेक्ट की वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. अदालत ने स्पष्ट किया है कि अब इस प्रोजेक्ट से जुड़ी तमाम आय, जिसमें बिना बिके हुए फ्लैटों की बिक्री और खरीदारों से मिलने वाली नई किस्तें शामिल हैं, अनिवार्य रूप से एक एस्क्रो खाते में जमा की जाएंगी. इस धनराशि का उपयोग केवल निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए ही किया जा सकेगा, जिससे फंड के दुरुपयोग की किसी भी संभावना को खत्म कर दिया गया है, इसके अलावा, जस्टिस एम.एम. कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी बैंकों के कंसोर्टियम, वित्तीय लेनदारों, घर खरीदारों और नोएडा प्राधिकरण जैसे सभी प्रमुख पक्षों के साथ निरंतर तालमेल बिठाकर काम करेगी.
संजय शर्मा