वैक्सीन में भी जातिवाद! भारतीय कॉरपोरेट दिग्गजों का ब्रिटेन पर तीखा वार 

कई कॉरपोरेट दिग्गजों ने कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) को लेकर ब्रिटेन सरकार (UK government) के रवैये की आलोचना की है. आनंद महिंद्रा ने तो इसे वैक्सीन में 'कास्ट सिस्टम' तक कह दिया है.

Advertisement
यूके के वैक्सीन नीति की भारतीय कॉरपोरेट दिग्गजों ने आलोचना की (फाइल फोटो) यूके के वैक्सीन नीति की भारतीय कॉरपोरेट दिग्गजों ने आलोचना की (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 23 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST
  • ब्रिटेन में Covishield को लेकर सख्ती
  • भारतीय कॉरपोरेट इससे काफी नाराज

भारत में कॉरपोरेट जगत के कई दिग्गजों ने कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) को लेकर ब्रिटेन सरकार (UK government) के रवैये की आलोचना की है. आनंद महिंद्रा ने तो इसे वैक्सीन में 'कास्ट सिस्टम' तक कह दिया है.

बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट (AMC)  कंपनी के डायरेक्टर नीलेश शाह ने भी इस मामले में ब्रिटेन सरकार की तीखी आलोचना की है.  

Advertisement

महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि भारत सरकार को भी ब्रिटिश हेल्थ एजेंसियों या उनके सर्टिफिकेशन को मान्यता नहीं देनी चाहिए. किरण मजूमदार शॉ, ने कहा कि लगता है कि ब्रिटेन PCR test से पैसा बनाने की कोशिश कर रहा है. 

क्या है यूके की नीति 

गौरतलब है कि यूके ने अब भारत में बनी कोविशील्ड को स्वीकृत वैक्सीन मान लिया है. लेकिन इसको लेकर नई ट्रैवल गाइडलाइंस से भी ज्यादा राहत मिलती नहीं दिख रही. 

यूके सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर किसी भारतीय ने कोविशील्ड की कोरोना वैक्सीन ली है और वह यूके जाता है तो उसे अभी भी 10 दिन तक क्वारनटीन में रहना होगा. 

क्या कहा आनंद महिंद्रा ने

आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, 'ठीक है कि उन्होंने एक कदम बढ़ाया है, लेकिन हमें दो कदमों की जरूरत है. नहीं तो हमें भी उनकी हेल्थ एजेंसी/सर्टिफिकेशन को मान्यता नहीं देनी चाहिए. यदि वे हमें अपने वैक्सीन जाति व्यवस्था के सबसे निचले पायदान पर रखते हैं, तो हमें भी उन्हें अपनी व्यवस्था के निचले पायदान पर रखना चाहिए.' 

Advertisement
tweet

पीसीआर टेस्ट से पैसा कमाने की कोश‍िश! 

किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट कर कहा, 'ब्रिटेन कहता है कि समस्या कोविशील्ड से नहीं बल्कि भारत के डिजिटल सर्टिफिकेशन से है. सच तो यह है कि भारत का डिजिटल सर्टिफिकेशन दूसरे देशों से ज्यादा भरोसेमंद है. कहीं ऐसा तो नहीं कि ब्रिटेन PCR test से पैसा बनाने की कोशिश कर रहा है.' 

tweet

औपनिवेशक सोच!

कोटक महिंद्रा AMC के एमडी नीलेश शाह ने कहा, 'यूके के वैक्सीनेशन प्रकरण से यह समझ में आता है कि किस तरह से कुछ लाख ब्रिटिशर्स करोड़ों भारतीयों पर राज कर पाए थे. कुछ लोग ब्रिटेन की औपनिवेशक सोच को वाजिब ठहरा रहे हैं.' 

tweet

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement