भारत में कॉरपोरेट जगत के कई दिग्गजों ने कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) को लेकर ब्रिटेन सरकार (UK government) के रवैये की आलोचना की है. आनंद महिंद्रा ने तो इसे वैक्सीन में 'कास्ट सिस्टम' तक कह दिया है.
बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट (AMC) कंपनी के डायरेक्टर नीलेश शाह ने भी इस मामले में ब्रिटेन सरकार की तीखी आलोचना की है.
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि भारत सरकार को भी ब्रिटिश हेल्थ एजेंसियों या उनके सर्टिफिकेशन को मान्यता नहीं देनी चाहिए. किरण मजूमदार शॉ, ने कहा कि लगता है कि ब्रिटेन PCR test से पैसा बनाने की कोशिश कर रहा है.
क्या है यूके की नीति
गौरतलब है कि यूके ने अब भारत में बनी कोविशील्ड को स्वीकृत वैक्सीन मान लिया है. लेकिन इसको लेकर नई ट्रैवल गाइडलाइंस से भी ज्यादा राहत मिलती नहीं दिख रही.
यूके सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर किसी भारतीय ने कोविशील्ड की कोरोना वैक्सीन ली है और वह यूके जाता है तो उसे अभी भी 10 दिन तक क्वारनटीन में रहना होगा.
क्या कहा आनंद महिंद्रा ने
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, 'ठीक है कि उन्होंने एक कदम बढ़ाया है, लेकिन हमें दो कदमों की जरूरत है. नहीं तो हमें भी उनकी हेल्थ एजेंसी/सर्टिफिकेशन को मान्यता नहीं देनी चाहिए. यदि वे हमें अपने वैक्सीन जाति व्यवस्था के सबसे निचले पायदान पर रखते हैं, तो हमें भी उन्हें अपनी व्यवस्था के निचले पायदान पर रखना चाहिए.'
पीसीआर टेस्ट से पैसा कमाने की कोशिश!
किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट कर कहा, 'ब्रिटेन कहता है कि समस्या कोविशील्ड से नहीं बल्कि भारत के डिजिटल सर्टिफिकेशन से है. सच तो यह है कि भारत का डिजिटल सर्टिफिकेशन दूसरे देशों से ज्यादा भरोसेमंद है. कहीं ऐसा तो नहीं कि ब्रिटेन PCR test से पैसा बनाने की कोशिश कर रहा है.'
औपनिवेशक सोच!
कोटक महिंद्रा AMC के एमडी नीलेश शाह ने कहा, 'यूके के वैक्सीनेशन प्रकरण से यह समझ में आता है कि किस तरह से कुछ लाख ब्रिटिशर्स करोड़ों भारतीयों पर राज कर पाए थे. कुछ लोग ब्रिटेन की औपनिवेशक सोच को वाजिब ठहरा रहे हैं.'
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