टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने जून की तिमाही में 3,202.80 करोड़ रुपये का जोरदार कंसोलिडेटेड मुनाफा दर्ज किया है. पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी को 5,006.60 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी ने डीवीआर (डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स) को खत्म करने का ऐलान किया है. डीवीआर के 10 शेयर पर टाटा मोटर्स के सात शेयर मिलेंगे. बता दें कि डीवीआर शेयरों को 'A' ऑर्डिनरी शेयर भी कहते हैं. 'A' ऑर्डिनरी शेयरों में वोटिंग राइट्स सामान्य शेयरों का सिर्फ 1/10 हिस्सा होता है. लेकिन डिविडेंट में वो 5 फीसदी राशि के हिस्सेदार होते हैं.
कब जारी किया गया था DVR
टाटा मोटर्स ने A ऑर्डिनरी यानी DVR को पहली बार साल 2008 में जारी किया था. इसके बाद साल 2010 में एक QIP और 2015 में राइट इश्यू के जरिए इन शेयरों को फिर जारी किया गया था. DVR शेयर बीएसई और एनएसई पर लिस्टेडे हैं. टाटा मोटर्स के ऐलान के बाद इन्हें स्टॉक एक्सेचेंजों से हटा लिया जाएगा. टाटा मोटर्स इस तरह के शेयरों को जारी करने वाली पहली कंपनी बनी हुई है.
DVR शेयरों में जोरदार तेजी
सोमवार को टाटा मोटर्स के DVR शेयर, टाटा मोटर्स के शेयरों की तुलना में 43 फीसदी कम पर ट्रेड कर रहे थे. टाटा मोटर्स का डीवीआर सोमवार को 4.29 फीसदी बढ़कर 373 रुपये के भाव पर बंद हुए थे. जबकि बुधवार को 12 फीसदी की तेजी के साथ 419.45 रुपये पर बंद हुआ. टाटा मोटर्स ने कहा कि डीवीआर को खत्म करने से उसके कुल इक्विटी में 4.2 फीसदी तक की गिरावट आएगी.
बुधवार के कारोबार में टाटा मोटर्स डीवीआर के शेयरों में लगातार छठे सत्र में तेजी जारी रही. कारोबार के दौरान स्टॉक 17.93 प्रतिशत बढ़कर 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 440 रुपये पर पहुंच गया था.
DVR शेयर क्या होते हैं?
डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स (DVR), एक सामन्य शेयर तरह की तरह ही होता है. इसमें शेयरधारक को कम वोटिंग अधिकार होते हैं. वोटिंग राइट्स कम होने से कंपनी बिना वोटिंग राइट्स खोए स्टॉक्स को जारी करके फंड जुटा सकती है. इससे कंपनी को फंडिंग मिलने में आसानी होती है. टाटा मोटर्स के डीवीआर शेयरधारकों में रेखा झुनझुनवाला भी शामिल हैं.
टाटा मोटर्स का रेवेन्यू
टाटा मोटर्स ने बताया कि तिमाही में उसका कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 42.1 प्रतिशत बढ़कर 1,02,236 करोड़ रुपये हो गया. एबिटा 177 प्रतिशत बढ़कर 14,700 करोड़ रुपये रहा. टाटा मोटर्स ने कहा कि जून तिमाही में उसका फ्री कैश फ्लो (ऑटोमोटिव) 2,500 करोड़ रुपये पर पॉजिटिव था. ये नकद मुनाफे में मजबूत सुधार की वजह से पॉजिटिव है. नोट ऑटोमोटिव कर्ज घटकर 41,700 करोड़ रुपये हो गया. मजबूत थोक के कारण ब्रिटिश आर्म जगुआर लैंड रोवर (JLR) का रेवेन्यू 57 प्रतिशत बढ़कर 6.9 बिलियन यूरो हो गया.
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