Stock Market: '5 साल में डबल डिजिट भी रिटर्न नहीं देगा शेयर मार्केट...' दिग्‍गज ने किया बड़ा दावा

पिछले पांच साल में व्यापक बाजार का रिटर्न करीब 16 से 16.5 प्रतिशत रहा है. शाह ने कहा कि महंगाई में कमी आने के साथ मेरा मानना ​​है कि अगले पांच सालों में रिटर्न इससे कहीं कम होगा. बाजारों के लिए दोहरे अंकों का रिटर्न देना असंभव है. इसके मध्यम या कम-एकल अंकों में होने की अधिक संभावना है.

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आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 14 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:49 AM IST

चीन-अमेरिका टैरिफ, भारत-पाकिस्‍तान तनाव और जियो-पॉलिटिकल टेंशन को लेकर मार्केट में आए दिन चढ़ाव-उतार देखा गया है. इस बीच, एक दिग्‍गज ने बिजनेस टुडे से बातचीत के दौरान बड़ा दावा कर दिया है. उनका कहना है कि भारतीय शेयर बाजार अगले पांच साल में भी डबल डिजिट रिटर्न नहीं दे पाएगा. 

ये क्‍लेम कोटक AMC के एमडी नीलेश शाह ने किया है. उनका कहना है कि भारतीय शेयर बाजार अगले पांच सालों में सिंगल डिजिट वाला CAGR (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) रिटर्न देगा, जबकि पिछले पांच साल में व्यापक बाजार का रिटर्न करीब 16 से 16.5 प्रतिशत रहा है. शाह ने कहा कि महंगाई में कमी आने के साथ मेरा मानना ​​है कि अगले पांच सालों में रिटर्न इससे कहीं कम होगा. बाजारों के लिए दोहरे अंकों का रिटर्न देना असंभव है. इसके मध्यम या कम-एकल अंकों में होने की अधिक संभावना है. 

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उन्होंने यह भी कहा कि भारत की कहानी नीचे से ऊपर की ओर कारोबारी और ऊपर से नीचे की ओर नीति निर्माण की है. क्या इसे और बेहतर बनाया जा सकता है? इसका उत्तर हां है. हम मध्य एकल अंक की दर से बढ़ रहे हैं, लेकिन हमारी क्षमता दोहरे अंक की दर से बढ़ने की है. आज के समय में मार्केट फ्लो के साथ सेंटिमेंट से भी जुड़ा है. सोमवार को शॉर्ट कवरिंग हुई और बाजार में उछाल आया. वहीं मंगलवार को बिकवाली देखने को मिली. 

ऐसे में शॉर्ट टर्म में कोई भी अंदेशा लगाना मुश्किल है. हमारा मानना ​​है कि हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सारी अच्छी खबरें हैं, लेकिन उनमें से बहुत सी पहले से ही बाजार में मूल्यांकित हैं. इसलिए, स्टॉक का चयन सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है और दीर्घकालिक होल्डिंग भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो जाती है. 

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लॉर्ज कैप में निवेश करना बेहतर
शाह का मानना ​​है कि वर्तमान में लार्ज-कैप सेक्‍टर में वैल्‍यूवेशन आकर्षक है. यह उचित प्राइस के नजरिए से आकर्षक है, सस्ते के नजरिए से नहीं. जबकि, कुछ पॉकेट को छोड़कर, स्मॉल- और मिड-कैप अभी भी थोड़े महंगे दिखते हैं. जब आप उचित मूल्य पर निवेश कर रहे हों तो गिरावट की संभावना कम होती है.  उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों में निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन इसमें लंबी अवधि के निवेश को पुरस्कृत करने की क्षमता है. 

किन सेक्‍टर पर ज्‍यादा फोकस हैं एक्‍सपर्ट? 
मार्केट एक्‍सपर्ट कंजम्‍प्‍शन सेक्‍टर में एंट्री के अवसर देख रहे हैं. इस सेक्‍टर को लेकर एक्‍सपर्ट काफी पॉजिटिव बने हुए हैं. इस साल रेट कट से करीब 1 लाख करोड़ रुपये टैक्‍सपेयर्स की जेब में आएंगे. वे इस बोनस से बचत करने के बजाय पैसा खर्च कर सकते हैं. यह भी संभावना है कि कच्‍चे तेज की कीमतों में सुधार के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती हो सकती है. RBI ने रेपा रेट मे आधा प्रतिशत की कटौती की है और इसमें और कटौती की गुंताइश है. इससे आवास और ऑटो लोन और पर्सनल लोन के लिए EMI का बोझ कम होगा. 

कहां लोग कर सकते हैं ज्‍यादा खर्च?
उन्होंने आगे कहा कि 2027 कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में, 8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की जेब में पैसा डालेगा. IT कटौती, संभावित पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती, EMIs के बोझ में कमी और 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के कारण अगले 24 से 36 महीनों में खपत को समर्थन मिलने की संभावना है. एयरलाइन, यात्रा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा वे क्षेत्र हैं, जहां हम मानते हैं कि उपभोक्ता खर्च करने के लिए जाएंगे.

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(नोट- यहां बताए गई जानकारी एक्‍सपर्ट की राय है. aajtak.in इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता. किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)

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