केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान विनिवेश (Disinvestment) के जरिये 51000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इस कड़ी में सरकार ने रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) में अपनी हिस्सेदारी कम करने जा रही है. रेल विकास निगम लिमिटेड 119 रुपये प्रति शेयर के रेट पर ऑफर फॉर सेल (OFS) लेकर आई.
इस OFS में रेल विकास निगम लिमिटेड ने पहले 70,890,683 शेयर्स या 3.40 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था. इसके बाद निवेशकों के भारी रिस्पॉन्स को देखते हुए अलग से 40,866,394 इक्विटी शेयर्स ग्रीन शू ऑप्शन (Green Shoe Option) के तौर पर लाने का फैसला किया. ये शेयर्स 1.96 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं. यानी अब रेल विकास निगम कुल 11 करोड़ शेयर बेचेगी. शुक्रवार को रिटेल निवेशक के लिए बोली लगाने का मौका था.
इस बीच रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के शेयरों में शुक्रवार को करीब 3.81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. शेयर बीएसई पर 121.20 रुपये पर बंद हुआ. सरकार ने ओवरसब्सक्रिप्शन विकल्प का इस्तेमाल करते हुए बिक्री के लिए चल रहे ऑफर (OFS) में और अधिक शेयर बेचने का फैसला किया है. दो दिवसीय ओएफएस को मजबूत रिस्पॉन्स मिला. पहले दिन नॉन रिटेल निवेशकों की कैटेगरी को 2.73 गुना सब्सक्रिप्शन मिला.
11 करोड़ से अधिक शेयरों की बिक्रीकैसा रहा रिस्पॉन्स?
बता दें, कुल ऑफर का साइज 1,11,757,077 शेयरों का है, जो कंपनी की कुल इक्विटी शेयर पूंजी का 5.36 फीसदी है. सरकार 2021 में रेल विकास निगम लिमिटेड का ऑफर फॉर सेल ला चुकी है. तब सरकार ने कंपनी में अपनी 15 फीसदी हिस्सेदारी कम की थी.
शेयरों में गिरावट
गौरतलब है कि OFS का फ्लोर प्राइस बुधवार की कीमत से 12 प्रतिशत छूट पर निर्धारित किया गया था. पिछले सत्र में आरवीएनएल के शेयरों में 6 फीसदी की गिरावट आई थी, शुक्रवार को भी करीब 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जिससे शेयर की कीमत भी फ्लोर प्राइस के करीब पहुंच गई है.
पिछले एक साल में रेल विकास निगम लिमिटेड के शेयरों ने अपने निवेशकों को 306 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. RVNL का गठन जनवरी 2003 में रेल मंत्रालय की पूर्ण स्वामित्व वाली यूनिट के रूप में किया गया था. इसके जरिए रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन और उनके लिए फंड जुटाने का लक्ष्य रखा गया था.
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