शेयर बाजार गिरावट पर कारोबार कर रहा रहा है, लेकिन रेलवे के शेयरों में अच्छी तेजी देखी जा रही है. रेल विकास निगम (RVNL), रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (RailTail), इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC), टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (ICTC) समेत रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार के कारोबार में 13 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई. यह तेजी कई दिनों तक सुस्त रहने के बाद आई है.
RVNL के शेयरों में बीएसई पर पिछले बंद भाव 345.70 रुपये से बढ़कर 13.21 प्रतिशत तक की तेजी आई और यह 391.40 रुपये पर पहुंच गया. दिन भर की इस बढ़त के बावजूद, शेयर 2025 में अब तक 9 प्रतिशत नीचे बना हुआ है. रेलटेल के शेयर 8.11 प्रतिशत बढ़कर 385.45 रुपये पर पहुंच गए, जबकि पिछले दिन यह 356.55 रुपये पर बंद हुए थे.
वहीं रेलवे को वित्तीय सहायता देने वाली दिग्गज कंपनी IRFC के शेयर 8.65 प्रतिशत बढ़कर 131.95 रुपये पर पहुंच गए. अन्य मुख्य शेयर टेक्समैको रेल 4.47 प्रतिशत बढ़कर 140.10 रुपये पर पहुंच गया और IRCTC 3.79 प्रतिशत बढ़कर 705.30 रुपये पर कारोबार कर रही थी. IRFC के शेयरों में 9 फीसदी की तेजी आई है और 132.43 रुपये पर पहुंच गया है.
फिर क्यों भागने लगे रेलवे स्टॉक?
इस रैली का सबसे बड़ी वजह रेले किराए में इजाफे के कारण रेलवे शेयरों में इतनी तेजी देखी जा रही है.जुलाई में हुई बढ़ोतरी के बाद, एक साल में यह दूसरी बार किराया बढ़ाया गया है. सरकार ने कहा कि रेलवे ने यात्रियों के लिए किराया और परिचालन की स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से अपने यात्री किराया को बढ़ाया गया है.
रेलवे किराये में कितनी हुई बढ़ोतरी?
सरकार ने कहा कि सेकेंड क्लास में जनरल टिकट पर 215 किलोमीटर तक की यात्राओं के लिए किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जिससे कम दूरी और दैनिक यात्रियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि लंबी दूरी की यात्राओं के लिए किराया बदला गया है. 216 किलोमीटर से 750 किलोमीटर के बीच की दूरी के लिए किराया 5 रुपये बढ़या गया है. इससे अधिक दूरी की यात्राओं के लिए '751 किलोमीटर से 1250 किलोमीटर के बीच की दूरी के लिए 10 रुपये, 1251 किलोमीटर से 1750 किलोमीटर के बीच की दूरी के लिए 15 रुपये और 1751 किलोमीटर से 2250 किलोमीटर के बीच की दूरी के लिए 20 रुपये' की बढ़ोतरी की गई है.
आदेश में कहा गया है कि दैनिक यात्रियों की सुरक्षा के लिए उपनगरीय सेवाओं और सीजन टिकटों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में सभी श्रेणियों में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से संशोधन किया गया है, जिसे निवेशक राष्ट्रीय परिवहन कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार की दिशा में एक कदम के रूप में देखते हैं.
बजट में उम्मीद का भी असर
किराए में संशोधन के अलावा केंद्रीय बजट 2026 से पहले बाजार का माहौल पॉजिटिव हो गया है. आम तौर पर, बजट से पहले रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेशकों की रुचि बढ़ जाती है, जिसका मुख्य कारण पूंजीगत व्यय में वृद्धि की उम्मीदें हैं.
(नोट - किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क