अभिजीत बनर्जी बोले- इकोनॉमी 2019 से भी नीचे, 10 दिन तिहाड़ जेल में बिताने पर ऐसा रिएक्शन!

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी साल 2019 के स्तर से नीचे है. उन्होंने इकोनॉमी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि लोग अभी आर्थिक तौर पर बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. 

Advertisement
अभिजीत बनर्जी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित अभिजीत बनर्जी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST
  • आर्थिक तौर पर लोग भारत में अभी भी काफी परेशान
  • इकोनॉमी अभी भी 2019 के निचले स्तर पर

क्या देश की अर्थव्यवस्था अभी संकट में है? नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) अभी भी साल 2019 के स्तर से नीचे है. उन्होंने इकोनॉमी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि लोग अभी आर्थिक तौर पर बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. 

अभिजीत बनर्जी शनिवार को अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के 11वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअली जुड़े थे. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में आर्थिक संकट अभी भी पहले जैसा ही है. आप ऐसे स्थान पर हैं, जहां आप देश को वापस दे सकते हैं. समाज को इसकी जरूरत है. 

Advertisement

संकट में अभी भी इकोनॉमी

उन्होंने कहा कि आर्थिक तौर पर लोग भारत में काफी 'परेशानी' से गुजर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में पश्चिम बंगाल की यात्रा पर अपनी अनुभवों को साझा किया. अभिजीत बनर्जी की मानें तो लोगों की छोटी आकांक्षाएं अब और भी छोटी हो गई हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में पिछले दिनों कुछ वक्त बिताया था. 

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अभिजीत बनर्जी ने कहा, 'देश की अर्थव्यवस्था अब भी 2019 के स्तर से नीचे है. हम यह नहीं जानते कि कितनी नीचे है, लेकिन यह काफी निचले स्तर पर है. मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं दे रहा, सिर्फ अपनी बात कह रहा हूं.' 

जब 10 दिन तिहाड़ में थे अभिजीत बनर्जी

उन्होंने तिहाड़ जेल में बिताए 10 के दिन अनुभवों को भी साझा किया. अभिजीत बनर्जी ने कहा कि जब मैं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से हार्वर्ड जाने वाला था, उसी दौरान एक छात्र आंदोलन में शामिल हुआ. इसके बाद मुझे तिहाड़ जेल ले जाया गया, और वहां 10 दिनों तक रखा गया था. जब वे तिहाड़ से बाहर आए तो बुजुर्गों ने कहा कि अब तुम्हारा करियर खराब हो गया. हार्वर्ड या अमेरिका अब अपने यहां घुसने नहीं देगा. 

Advertisement

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने करियर का चुनाव करते समय परिवार और समाज के दबाव में नहीं आएं. क्योंकि देश को आपसे काफी उम्मीदें हैं. (PTI इनपुट के साथ)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement