एक खबर और रॉकेट बना ये शेयर... 18 महीने में 63000% रिटर्न, ₹15 से 9667 रुपये पर पहुंचा भाव!

एक शेयर ने सिर्फ 18 महीने में ही निवेशकों के 10 हजार रुपये को 36 लाख रुपये में बदल दिया है. इसने इस अवधि में 630 गुना रिटर्न दिया है, जो किसी भी उम्‍मीद से परे है. आइए जानते हैं इस शेयर के बारे में पूरी डिटेल और आपको ये शेयर अब खरीदना चाहिए या नहीं?

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RRP सेमीकंडक्‍टर शेयर (Photo: GenAI) RRP सेमीकंडक्‍टर शेयर (Photo: GenAI)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

शेयर बाजार में एक स्‍टॉक ने निवेशकों को कमाल का रिटर्न दिया है. इसने सिर्फ 18 महीने में ही मालामाल कर दिया है. इस शेयर ने इस अवधि के दौरान 15 रुपये से 9478 रुपये तक की तेजी दिखाई है. सोमवार को यह शेयर 4.04% की तेजी के साथ 9,478 रुपये पर क्‍लोज हुआ था. आज यह 2 फीसदी चढ़कर 9,667.55 रुपये पर पहुंच गया है. इसके 52 सप्‍ताह का हाई लेवल 9,667.55 रुपये है और 52 सप्‍ताह का लो लेवल 72.05 रुपये है. 

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18 महीने में इस शेयर ने निवेशकों को 630 गुना या 63000% का रिटर्न दिया है. इसका मतल‍ब है कि अगर किसी ने इस शेयर में 18 महीने पहले 10 हजार रुपये का भी निवेश किया होता तो आज उसकी निवेशित रकम 36 लाख रुपये हो जाती. अभी इस शेयर का मार्केट कैपिटलाइजेशन 12913 करोड़ रुपये है. ROE 50 फीसदी है. 

हम जिस कंपनी की बात कर रहे हैं, उसका नाम RRP Semiconductor है. पिछले साल तक, आरआरपी सेमीकंडक्टर एक ऐसी कंपनी थी जिसके बारे में किसी ने सुना तक नहीं था. 2024 की शुरुआत में इसके शेयर 15 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, जिसे निवेशकों ने ज्‍यादातर नजरअंदाज कर दिया था. अक्टूबर 2025 तक, यही शेयर 9,478 रुपये तक पहुंच गया, जो 63,000% से ज्‍यादा की अनोखी ग्रोथ है. 

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क्‍यों आई इस शेयर में इतनी तेजी? 
इस शानदार तेजी के बाद निवेशकों का ध्‍यान आरआरपी स्‍टॉक की तरफ आया है और सोशल मीडिया, ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म्स पर इसकी खूब चर्चा हो रही है. छोटे निवेशकों ने इस शेयर को 'भारतीय NVIDIA' नाम दिया है और ग्‍लोबल चिपमेकिंग दिग्गज से इसकी तुलना की है और ज्‍यादातर लोग इसकी खरीदारी करना चाहते हैं. हालांकि BSE ने कहा है कि इस शेयर में यह उछाल कंपनी की आर्थिक स्थिति के अनुसार नहीं है. 

स्‍टॉक पर स्‍पेशल निगरानी
एक्‍सचेंज ने कहा है कि इतनी तेजी को कंपनी की आय या व्‍यावसायिक प्रदर्शन के आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता है. अभी एक्‍सचेंज ने इस शेयर को निगरानी उपायो के तहत रखा है. इंट्राडे ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया, 100% मार्जिन अनिवार्य कर दिया गया और दैनिक मूल्य परिवर्तन 2% पर सीमित कर दिए हैं. सरल शब्दों में कहें तो स्टॉक को लॉक कर दिया गया है. 

अफवाहों का बाजार गर्म 
जैसे-जैसे आरआरपी के शेयर की कीमत आसमान छू रही थी, अफवाहें भी तेजी से फैल रही थीं. कथित सरकारी जमीन आवंटन, सेलिब्रिटी ऐड, और यहां तक कि क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर द्वारा कंपनी में निवेश किए जाने का दावा भी सोशल मीडिया पर किया गया. 

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आरआरपी सेमीकंडक्टर को ऐसे सभी दावों का खंडन करते हुए आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा, जिसमें कहा गया कि तेंदुलकर का 'किसी भी तरह का कोई संबंध या निवेश नहीं है' और कंपनी को कारखाना विकास के लिए कोई सरकारी भूमि नहीं मिली है. खुदरा निवेशकों के लगातार निवेश से इस शेयर में FOMO क्रिएट हो चुका है और यह शेयर काफी महंगा हो चुका है. 

कंपनी की हालत ऐसी कि यकीन करना मुश्किल है?
आरआरपी के वित्तीय आंकड़ों ने एक ज्‍यादा गंभीर तस्वीर पेश की. एक साल में बिक्री 0.38 करोड़ रुपये से बढ़कर 31.5 करोड़ रुपये हो गई और कंपनी ने लगभग 6 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया. यह छोटी कंपनी के लिए यह आंकड़ा प्रभावशाली है, लेकिन 12,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के मार्केट कैप के लिए पर्याप्‍त नहीं है. इसमे प्रमोटर्स की हिस्‍सेदारी सिर्फ 1.27% थी. शेयर अपने बुक वैल्यू से 700 गुना ज्‍यादा पर कारोबार कर रहा था, जो दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी से भी जयादा है. 

कंपनी वास्तव में क्या करती है?
महाराष्ट्र स्थित आरआरपी सेमीकंडक्टर, उन्नत ओएसएटी, या आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट, सेवाओं के माध्यम से भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग में टॉपर है. कंपनी का दावा है कि यह राज्य की पहली सेमीकंडक्टर कंपनी है, जो हाईटेक्‍नोलॉजी वाले चिप पैकेजिंग पर फोकस है. 

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कंपनी भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत पैकेज्ड सेमीकंडक्टर का निर्यात करने वाली पहली भारतीय फर्म बन गई, जिसकी यूरोप को 6.51 करोड़ रुपये की शिपमेंट की गई.

निवेशकों को सावधान क्यों रहना चाहिए?
बीएसई के लिए, आरआरपी सेमीकंडक्टर इस बात का एक आदर्श उदाहरण बन गया है कि सावधानी क्यों जरूरी है. बढ़ी हुई निगरानी उपायों के बावजूद, दिवाली के कारोबार के दौरान शेयर लगातार ऊपरी सर्किट को छू रहा था, जिससे पता चलता है कि बाजार की धारणा कितनी जल्दी बुनियादी बातों पर हावी हो सकती है.

सेमीकंडक्टर वास्तव में भारत के औद्योगिक भविष्य की आधारशिला हो सकते हैं, लेकिन आरआरपी दर्शाता है कि हर चमकदार स्टॉक का पीछा करना उचित नहीं है और कभी-कभी, टिकर स्क्रीन पर जो चमकता है वह सिर्फ सट्टेबाजी हो सकती है. जब कोई 15 रुपये का शेयर बिना किसी स्पष्ट व्यावसायिक चमत्कार के 9,000 रुपये का हो जाए, तो समय आ गया है कि रुकें, गौर से देखें और उसमें कूदने से पहले दो बार सोचें. 

(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.) 
 

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