गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) 2025 के सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रने वाले असेट में से एक रहे हैं. इसे साल दर साल के दौरान करीब 53 फीसदी का रिटर्न दिया है. ग्लोबल इकोनॉमी अनिश्चितता, लगातार भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की आक्राम सोने की खरीदारी के कारण आई तेज उछाल ने सोने पर बेस्ड निवेश उत्पादों में निवेशकों की रुचि बढ़ा दी है.
हालांकि बाजार विशेषज्ञ और फंड मैनेजर निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को फिर से बैलेंस करने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि सोने की असाधारण तेजी ने शायद जरूरत से ज्यादा निवेश को बढ़ावा दिया है. कोटक म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर सतीश डोंडापति के अनुसार, जिन निवेशकों का सोने में निवेश 20% से ज्यादा है, उन्हें अपनी जोखिम सहनशीलता और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर इसे घटाकर 10-15% के संतुलित दायरे में लाना चाहिए.
डोंडापति ने आगे कहा कि आर्थिक अनिश्चितता और वैश्विक मांग के चलते सोने के लिए लॉन्गटर्म नजरिया सकारात्मक बना हुआ है, लेकिन पोर्टफोलियो रिस्क मैनेजमेंट के लिए विविधीकरण बनाए रखना जरूरी है.
क्या और गिरेगा गोल्ड ईटीएफ?
रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद सोने में सुधार हुआ है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर 2025 का कॉन्ट्रैक्ट हाल ही में 1,18,450 रुपये के स्तर को छूने के बाद लगभग 1.08% की गिरावट के साथ 1,19,646 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ. यह 9.6% की गिरावट दर्शाता है यानी ₹1,32,294 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई से करीब ₹12,700 नीचे है.
इस गिरावट के बावजूद, एक्सपर्ट का कहना है कि वैश्विक आर्थिक मंदी और ब्याज दरों की अनिश्चितताओं के बीच सोना पोर्टफोलियो में विविधता लाने और महंगाई से बचाव के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. व्यापक सहमति यह है कि सोना एक रणनीतिक लॉन्गटर्म निवेश बना हुआ है, हालांकि नए निवेश सावधानी से किए जाने चाहिए. उनका कहना है कि गोल्ड में सुधार के साथ ईटीएफ में भी गिरावट की संभावना बनी है. ऐसे में गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए.
2025 में शानदार प्रदर्शन
पिछले एक साल में गोल्ड ईटीएफ ने कई शानदार प्रदर्शन किया है. एक सप्ताह में यूनियन गोल्ड ईटीएफ एफओएफ - डायरेक्ट प्लान, मिराए एसेट गोल्ड सिल्वर पैसिव एफओएफ - डायरेक्ट प्लान और एलआईसी एमएफ गोल्ड ईटीएफ ने मामूली गिरावट के बावजूद मजबूती दिखाई दी है. यह एक मजबूत तेजी के बाद शॉर्ट टर्म सुधारों को दर्शाता है.
एक महीने में एलआईसी एमएफ गोल्ड ईटीएफ और यूटीआई गोल्ड ईटीएफ ने 5% से ज्यादा रिटर्न के साथ बढ़त हासिल की, जो सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की ग्लोब डिमंड के चलते हुआ. तीन महीनों में, एडलवाइस गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ एफओएफ ने 26% से ज्यादा की बढ़त हासिल की. एक साल की अवधि में यूटीआई गोल्ड ईटीएफ ने लगभग 52.8% रिटर्न दिया, जो सबसे आगे रहा.
बाजार सुधार के दौरान निवेश कैसे करें?
कीमतों में हालिया उछाल को देखते हुए विशेषज्ञ एकमुश्त निवेश के बजाय चरणों में निवेश करने की सलाह देते हैं. गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) या सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के ज़रिए निवेश करने से लागत को औसत करने और अल्पकालिक अस्थिरता को कम करने में मदद मिल सकती है. ईटीएफ में गिरावट के दौरान धीरे-धीरे निवेश को बढ़ाने की भी सलाह दी जाती है.
(नोट- किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क