अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर ऐसे टूटे कि मार्केट कैपिटालाइजेशन लगभग आधा हो गया. टूटते शेयर की वजह से अडानी ग्रुप को अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ रुपये के फुल सब्सक्राइब्ड FPO को वापस लेना पड़ा. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को पब्लिश हुई थी. उसके बाद 13 फरवरी तक अडानी ग्रुप के शेयरों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Mcap) में 53 फीसदी की गिरावट आई है. स्टॉक मार्केट में अडानी ग्रुप की कुल 10 कंपनियां लिस्टेड हैं.
पोर्ट से लेकर पावर सेक्टर तक कारोबार
अडानी ग्रुप की मौजूदगी आज के समय में इंफ्रास्ट्रक्टर, पावर, एयरपोर्ट, सीमेंट, मीडिया और FMCG जैसे कई सेक्टर्स में है. ग्रुप ने साल 2004 से अपने निवेशकों को शानदार मुनाफा भी दिया है. ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पावर, अडानी पोर्ट्स, अडानी विल्मर, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स और एनडीटीवी शामिल हैं. इनमें एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स और एनडीटीवी का अडानी ग्रुप ने अधिग्रहण पिछले साल किया था.
कितना घटा मार्केट कैपिटलाइजेशन?
अडानी ग्रुप की लिस्टेड सभी 10 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 24 जनवरी से 13 फरवरी के बीच भारी गिरावट आई है. सबसे अधिक गिरावट 69 फीसदी की अडानी टोटल गैस में आई है. इसके अलावा अडानी एंटरप्राइजेज के मार्केट कैपिटलाइजेशन 50 फीसदी की गिरावट आई है. अडानी ट्रांसमिशन के Mcap में 59 फीसदी की गिरावट आई है.
अडानी ग्रीन एनर्जी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 64 फीसदी कम हुआ है. अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के Mcap में 27 फीसदी की गिरावट आई है. अडानी पावर 43 फीसदी, अंबुजा सीमेंट्स 31 फीसदी, अडानी विल्मर 28 फीसदी, एसीसी 22 फीसदी और एनडीटीवी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 30 फीसदी घटा है.
रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट
शेयरों में आई सुनामी के चलते हुए नुकसान के बाद Adani Group ने अब अपने रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट (Revenue Growth Target) को 40 फीसदी से घटाकर करीब आधा कर दिया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप अगले वित्त वर्ष के लिए रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट को पूर्व अनुमान 40 फीसदी से घटाकर 15 से 20 फीसदी कर सकता है.
हिंडनबर्ग के आरोप और अडानी ग्रुप के जवाब
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड सात कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग में लगा हुआ है.
अपने 344 पन्नों के जवाब अडानी समूह ने हिंडनबर्ग पर कॉपी-पेस्ट करने का आरोप लगाया था. समूह ने कहा था कि या तो हिंडनबर्ग ने सही तरीके से रिसर्च नहीं किया है या फिर जनता को गुमराह करने के लिए उसने गलत तथ्य पेश किए हैं. 400 से अधिक पन्नों की प्रतिक्रिया में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने सभी आरोपों को भ्रामक बताया था.
aajtak.in