शेयर बाजार में बहुत से शेयरों ने निवेशकों के पैसे को बढ़ाया है. लेकिन वहीं कुछ ऐसे भी शेयर रहे हैं, जिसने लोगों के पूरे पैसे डूबो दिए हैं. आज हम ऐसे ही एक शेयर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने निवेशकों को एक साल के अंदर ही कंगाली पर लाकर खड़ा कर दिया.
यह शेयर AGS Transact Technologies है, जो आज ₹4 रुपये पर कारोबार कर रहा है. कभी यह शेयर 175 रुपये पर आया था, लेकिन अब इस शेयर से बड़े-बड़े निवेशक पैसे बेचकर निकल चुके हैं और रिटेल इंवेस्टर्स फंस चुके हैं.आइए जानते हैं इस शेयर ने निवेशकों के पैसे कैसे डूबोए.
1 साल में 95 फीसदी गिरा
इस शेयर का 52 सप्ताह का हाई लेवल 70.10 रुपये है, लेकिन आज यह 4 रुपये पर आ चुका है. इस अवधि के दौरान इस शेयर में करीब 95 फीसदी की गिरावट आई है. इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 54.06 करोड़ रुपये हो चुका है. एक महीने में ही यह शेयर 17 फीसदी टूट चुका है, जबकि 6 महीने के दौरान इसमें 4 फीसदी की गिरावट आई है.
साल 2022 में आया था इसका आईपीओ
एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजी आईपीओ 19 जनवरी से 22 जनवरी 2022 के बीच खुला था. तब कंपनी ने अपने कुल 3.89 करोड़ शेयर बेचकर ₹680 करोड़ जुटाए थे. इसके शेयरों की लिस्टिंग 31 जनवरी को बीएसई और एनएसई पर हुई थी. आईपीओ प्राइस 175 रुपये के भाव पर था और लिस्टिंग 176 रुपये पर हो रही है. इस आईपीओ में रिटेलर को ₹14,110 लगाना था यानी अगर कोई इस शेयर में अभी भी है, तो उसके 14,110 रुपये डूब गए होंगे .
दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही कंपनी
अगस्त 2025 में, मुंबई दिवालियापन अदालत ने AGS Transact Technologies को कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में शामिल कर लिया. इसका मतलब है कि कंपनी दिवालिया वाले प्रोसेस से गुजर रही है. इस दिवालियापन के कारण स्टॉक की ट्रेडिंग स्टेटस और भविष्य की संभावनाओं पर काफी असर पड़ा है. कुछ रिपोर्ट में ट्रेडिंग कीमतों में भारी गिरावट या ट्रेडिंग रुकने की बात कही गई है.
क्या करती है ये कंपनी और क्यों संकट में आई
AGS Transact Technologies (AGST) बैंकों और कॉर्पोरेट्स के लिए सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी है, जो एटीएम, कैश मैनेजमेंट, डिजिटल भुगतान (POS मशीनें, प्रीपेड कार्ड), बैंकिंग ऑटोमेशन, पेट्रोलियम आउटलेट ऑटोमेशन और फास्टैग जैसी सर्विस देती है, जिससे यह भारत और अन्य एशियाई देशों में कैश और डिजिटल ट्रांजेक्शन की सेवा को आसान बनाया है. यह अपने सेक्टर में कभी दूसरी बड़ी कंपनी थी, लेकिन अब कंगाली के कगार पर खड़ी है.
यह स्टॉक तब संकट में आया, जब कंपनी अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पाई. वहीं इसका बिजनेस अच्छा नहीं चलने के कारण कमाई भी नहीं हो पा रही थी. धीरे-धीरे इसे फंड जुटाने में समस्या बढ़ती चली गई और जिन बड़े निवेशकों ने पैसा लगाया था, वह भी इस कंपनी से हाथ पीछे खींचते चले गए. आलम ये हुआ कि कंपनी दिवालिया के कगार पर आ गई.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
आजतक बिजनेस डेस्क