बजट आजतक के मंच पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने गौतम अडानी के मामले को लेकर खुलकर चर्चा की. सुरजेवाला ने कहा कि अगर सभी कह रहे हैं कि अडानी मामले की रेगुलेटर से जांच होनी चाहिए तो सरकार और सेबी क्यों नहीं सुन रही. उन्होंने कहा कि सेबी ने अडानी के शेयर की मैनुप्युलेशन पर कोई जांच के आदेश नहीं दिए. उन्होंने कहा कि रेगुलेटर जांच नहीं कर रही है.
सुरजेवाला ने कहा कि हिंडनबर्ग ही नहीं, राहुल गांधी ने ये बात 2 साल से कह रहे हैं, लेकिन लोग मजाक उड़ा रहे थे. हालांकि अब ये बात मार्केट कह रहा है. सुरजेवाला ने कहा कि पूरी सरकार एक बिजनेस हाउस के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति एक के बाद एक करके एक व्यक्ति को दी जा रही है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था डावांडोल है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री को जांच के आदेश देने चाहिए. संसद के स्थगित कर जेपीसी की मांग या मुख्य न्यायाधीश से सुनवाई की मांग को डेफर करके देश को जवाब नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि हमारे सबसे बड़े फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस एलआईसी और एसबीआई पर खतरा मंडरा रहा है.
सरकार ने इस बजट को जहां अमृतकाल का बजट बताया है, वहीं विपक्ष इसे मित्रकाल का बजट बता रहा है. इसे लेकर सुरजेवाला ने कहा कि इतना बड़ा फाइनेंशियल फ्रॉड आपके बजट औऱ इकोनॉमी को अस्थिर कर रहा हो तो स्वभाविक तौर पर इस बजट में कॉरपोरेट अकाउंटिबिलिटी और कॉरपोरेट ट्रांसपेरेंसी की घोषणा होनी चाहिए थी. उससे सरकार पर भरोसा पैदा होता.
महंगाई कम करने को लेकर क्या बोले सुरजेवाला
अंतर्राष्ट्रीय बाजार से पेट्रोल औऱ डीजल की कीमतें जोड़ रखी हैं, ऐसे में सरकार को इंटरनेशनल मार्केट की गिरी हुई कीमतों का फायदा आम आदमी को दें. इससे पेट्रोल-डीजल की कीमत 20 रुपये प्रति लीटर कम होनी चाहिए और गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपया कम हो जाएगा.
सुरजेवाला ने कहा कि एमएसएमई में जब तक निवेश नहीं होगा और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट नहीं आएगा, तब तक रोजगार नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि 30 लाख पद सरकार में, डेढ़ लाख पद रेलवे में, पौने दो लाख पद फौज में खाली है. इन पदों को भरा जाए औऱ निवेश को बढ़ावा दिया जाए तो इकोनॉमी का पहिया घूमे्गा. साथ ही कहा कि जब तक गांव की अर्थव्यस्था गिरती रहेगी, तब तक विकास का पहिया नहीं घूमेगा.
सब्सिडी को लेकर क्या बोले सुरजेवाला
कांग्रेस नेता ने कहा कि 2014 में जब हमने सरकार छोड़ी तो 1 लाख 47 हजार करोड़ सब्सिडी देते थे, ताकि आपका गैस सिलेंडर सस्ता हो औऱ पेट्रोल-डीजल के दाम कम रहें. आज कच्चा तेल 35 फीसदी कम हो गया, एसपीजी गैस अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में 42 फीसदी कम हो गई, लेकिन सब्सिडी 2 हजार करोड़ रह गई.
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