बजट आजतक के महामंच पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने बजट को कमजोर बताया. साथ ही अडानी के मामले में भी सरकार पर आरोप लगाए, उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि मित्रमंडली मंत्रिमंडल पर भारी क्यों हैं? सदन क्यों नहीं चलने दे रहे हैं? सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नई टैक्स रिजीम यानी नई टैक्स की दरें बूझो तो जानें फॉर्मूले पर तैयार की गई हैं.
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मैंने इस पर तीन बड़े पिंक पेपर्स पढ़े, तीनों में अलग-अलग आकलन है. इतना ही नहीं, तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से बात की. तीनों अलग-अलग बात कर रहे हैं, फाइनेंस सेक्रेटरी कुछ बोल रहे हैं, फाइनेंस मनिस्टर अलग बात रख रही हैं, रेवेन्यू सेक्रेटरी कुछ और बोल रहे हैं. यानी कुल मिलाकर ये बूझो तो जानें स्कीम असल में बड़ी समस्या खड़ा कर रहा है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि आम आदमी छोटी-छोटी बचत को एलआईसी में जमा करता है, 30 करोड़ पॉलिसी होल्डर भरोसे के साथ निवेश करते हैं. लेकिन उनके पैसा का इस्तेमाल अडानी के इंश्योरेंस के लिए किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी बैंक अडानी ग्रुप को दे रहे हैं, जो पैसा डूब रहा है. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि एलआईसी को सरकार के दवाब में बात करना बंद कर देनी चाहिए. एलआईसी का वक्तव्य गलत है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि सात समंदर पार डाउ जोंस, क्रेडिट स्विस, स्टेंडर्ड चार्टर्ड और सिटी बैंक कह रहे हैं कि हम अपने इंडेक्स में अडानी ग्रुप को शामिल नहीं कर सकते, लेकिन हमारे यहां सभी ने चुप्पी साध रखी है. हमारे यहां भी कई संस्थाएं हैं जो इसकी जांच कर सकती हैं, लेकिन कोई भी हलचल नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने मित्रों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
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