केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया है. इसमें सरकार ने मिडिल क्लास को बहुत बड़ा तोहफा देते हुए 12 लाख तक की सालाना कमाई को टैक्स फ्री कर दिया है. साथ ही किसानों और युवाओं के लिए भी कुछ बड़े ऐलान किया गए हैं. बजट में सरकार ने बिहार को लेकर काफी ऐलान किए हैं जिनमें मखाना बोर्ड के गठन से लेकर पटना आईआईटी का विस्तार और पटना एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है. इसके अलावा टेक्सपेयर्स को एक और राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समयसीमा भी 4 साल तक बढ़ा दी है.
फाइल कर सकते हैं पिछले 4 साल का ITR
केंद्र सरकार की इस फैसले से रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को फायदा होगा क्योंकि पहले यह समयसीमा दो साल थी, जिसे बढ़ाकर अब 4 साल कर दिया गया है. आमतौर पर गृहणी या फिर निम्म आय वर्ग के लोग रिटर्न दाखिल करना भूल जाते थे जिससे कभी-कभी उनपर फाइन भी लगाया जाता था. लेकिन अब इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए दो साल ज्यादा का वक्त मिलेगा. किसी भी अससमेंट ईयर के लिए अब टैक्सपेयर्स दो की बजाय 4 साल में रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
सभी के लिए जरूरी ITR
फिलहाल 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करना होता है और इसके लिए 15 जून तक फॉर्म 16 हासिल करना होता है. ऐसे में रिटर्न दाखिल करने के लिए 45 दिन का वक्त मिलता था जिसमें आप पिछले दो साल तक का संशोधित रिटर्न ही दाखिल कर सकते थे. लेकिन अब बजट में हुए ऐलान के बाद आप 4 साल में संशोधित रिटर्न फाइल कर सकते हैं. अगर आपकी की इनकम टैक्स फ्री दायरे में आती है तब भी आपके लिए रिटर्न दाखिल करना जरूरी है.
बैंक से कार लोन, होम लोन या एजुकेशन लोन लेने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न के दस्तावेज देखे जाते हैं. रिटर्न के जरिए सरकार को पता चलता है कि आपकी कमाई कहां-कहां से हो रही है. साथ ही कमाई का कितना हिस्सा सेविंग्स, इंश्योरेंस और निवेश में जा रहा है, यह सब रिटर्न के जरिए पता चलता है. ऐसे में टैक्स छूट का फायदा लेने वाले आय वर्ग के लिए रिटर्न दाखिल करना जरूरी होता है. अगर आप 30 दिसंबर तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो एक हजार का जुर्माना लगता है, वहीं 30 दिसंबर के बाद रिटर्न फाइल करने वालों पर 5 हजार तक का फाइन लगता है.
मौजूदा टैक्स कानून के तहत, कुछ मामलों में इनकम टैक्स फाइल करना अनिवार्य है. अगर किसी एक कारोबारी साल में इलेक्ट्रिसिटी बिल ₹1 लाख से ज्यादा है. किसी एक कारोबारी साल में विदेशी ट्रैवल पर ₹2 लाख से ज्यादा खर्च किया हो. अगर किसी विदेशी एसेट्स से आपकी इनकम आती है. किसी एक कारोबारी साल में TDS या TCS ₹25 हजार से ज्यादा होती है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा ₹50 हजार तक है. टैक्सपेयर का प्रोफेशनल इनकम ₹10 लाख से ज्यादा है. कोई व्यक्ति सेविंग्स अकाउंट में ₹50 लाख या करेंट अकाउंट में ₹1 करोड़ से ज्यादा जमा करते हैं.
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