Budget 2023: 'सप्तऋषि' हैं सरकार के बजट का आधार, जिससे मिलेगी इकोनॉमी को रफ्तार!

'Saptrishi' Of Budget 2023: देश के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Eco) के निरंतर विकास पर ध्यान केंद्रित करके आगे बढ़ रही है और सप्तऋषि प्लान इस बजट का आधार है.

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बजट भाषण में वित्त मंत्री ने किया 'सप्तऋषि' का जिक्र बजट भाषण में वित्त मंत्री ने किया 'सप्तऋषि' का जिक्र

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

देश का आम बजट 2023 (Budget 2023) पेश किया जा चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार 1 फरवरी को अपने एक घंटा 25 मिनट लंबे भाषण के दौरान टैक्सपेयर्स समेत विभिन्न सेक्टर्स के लिए कई बड़े ऐलान किए. अपने कार्यकाल का लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने 'सप्तऋषि' (Saptrishi) का जिक्र किया, जो चर्चा का विषय है. उन्होंने इस नाम को देश के विकास (Indian Growth) का आधार बताया और कहा कि बजट 2023 इन्हीं सात बिंदुओं पर आधारित है. आइए जानते हैं इनके बारे में...

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कौन हैं 'सप्तऋषि'?
हिंदू धार्मिक ग्रंथों में सप्त ऋषियों का वर्णन मिलता है. इन सात ऋषियों में ऋषि कश्यप, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, ऋषि विश्वामित्र, ऋषि गौतम, जमदग्नि ऋषि, वशिष्ठ ऋषि शामिल हैं. सभी की अपनी अलग पहचान है, लेकिन इन्हें एक साथ ही पुकारा जाता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण (Nirmala Sitharaman Budget Speach) के दौरान कहा कि देश के विकास का आधार यही 'सप्तऋषि' होगा.

उन्होंने इसे अमृतकाल का बजट (Amrit Kaal Budget) बताते हुए कहा कि बजट में सात प्राथमिकताओं को सम्मिलित किया गया है और इन पर ही फोकस करके बजट डॉक्यूमेंट तैयार हुआ है. इन 7 प्राथमिकताओं को सप्तऋषि का नाम दिया गया है. इनके अंतर्गत आम से खास हर वर्ग का ख्याल और देश की इकोनॉमी को रफ्तार देना शामिल है. 

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सात बिंदुओं या सप्तऋषि पर केंद्रित Budget 2023

  • समावेशी विकास (Inclusive Development)
  • आखिरी व्यक्ति तक पहुंच और वंचितों को वरीयता (Reaching The Last Mile)
  • बुनियादी ढांचे और निवेश (Infrastructure And Investment)
  • क्षमता विस्तार (Unleashing The Potential) 
  • हरित विकास (Green Growth)
  • युवा शक्ति (Youth Power)
  • वित्तीय क्षेत्र (Financial sector)

पहला: समावेशी विकास
सबका साथ सबका विकास, किसानों, युवा महिलाओं, दिव्यांगों और आर्थिक रूप के कमजोर सभी वर्गों को वरीयता देना और उनके विकास के लिए काम करना. 

दूसरा: आखिरी व्यक्ति तक पहुंच
सरकार का फोकस देश और समाज के वंचितों और आखिरी व्यक्ति तक पर रहेगा. वित्त मंत्री के मुताबिक, जब तक देश के वंचितों का विकास नहीं होगा, तब तक पहले बिंदु समावेशी विकास की परिकल्पना पूरी नहीं की जा सकेगी. 

तीसरा: बुनियादी ढांचा-निवेश
इकोनॉमी को रफ्तार देने और इसे बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार (Infrastructure Development) पर फोकस करना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही निवेश (Investment) बढ़ाने पर जोर रहेगा. 

चौथा: क्षमता विस्तार
वित्त मंत्री के सात बिंदुओं में चौथा यानी क्षमता विस्तार देश के विकास में अहम है. उन्होंने खासतौर पर युवाओं की क्षमता विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि ये अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए सबसे जरूरी है. 

पांचवां: हरित विकास
कृषि क्षेत्र और किसानों के हालात में सुधार सरकार के सप्तऋषि प्लान में ग्रीन ग्रोथ के रूप में शामिल है. किसानों को और सक्षम बनाने के लिए सरकार मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जाएगा. इनमें बाजरा, कोदो, सामा शामिल है और इनके लिए श्री अन्न योजना शुरू होगी. 

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छठा: यूथ
वित्त मंत्री ने युवाओं को भारत की सबसे बड़ी ताकत करार देते हुए युवाओं पर विशेष ध्यान देने की बात कही है. इसके लिए बजट 2023 में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM VIKAS) का ऐलान किया है, जिससे युवाओं को स्किल्ड बनाया जाएगा.

सातवां: फाइनेंशियल सेक्टर
मोदी सरकार के सप्तऋषियों में सातवां है वित्तीय क्षेत्र यानी Financial Sector. वित्त मंत्री ने सात बिंदुओं पर आधारित बजट 2023 के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार देश की आर्थिक स्थिति में और सुधार करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी.

भारतीय इकोनॉमी सही रास्ते पर 
वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने बजट भाषण में कहा कि कोरोना जैसी चुनौतियों से निपटने के बाद अब भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) बेहतर स्थिति में है. सरकार ने पिछले बजट में रखी गई नींव पर सतत निर्माण करते हुए देश को आगे बढ़ाया है. दुनिया ने भारत की उपलब्धियों की सराहना करते हुए भारतीय इकोनॉमी को सबसे चमकता हुआ सितारा माना है. ये अच्छे भविष्य का संकेत है. हमारे द्वारा उठाए गए कदमों से भारत का कद दुनिया में बढ़ा है. इसमें कोविड टीकाकरण, डिजिटलीकरण, राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन समेत अन्य पहलें शामिल हैं. 

 

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