पुल पर फंसी ट्रेन, नीचे रेंगता ड्राइवर और हजारों यात्री... लोको पायलट ने जान जोखिम में डाल ऐसे ठीक की गड़बड़ी, Video

बिहार के समस्तीपुर में पुल पर बीचोबीच एक ट्रेन फंस गई. दरअसल, ट्रेन में प्रेशर लीकेज की वजह से ऐसा हुआ था. ट्रेन बीच पुल पर रुकी तो हजारों यात्री घबरा गए. इस पर लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने साहस दिखाया और ट्रेन के नीचे रेंगते हुए लीकेज वाली जगह तक पहुंचे और लीकेज ठीक किया, तब कहीं ट्रेन आगे बढ़ सकी.

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लोको पायलट ने ट्रैक पर रेंगकर ठीक किया इंजन. (Video Grab) लोको पायलट ने ट्रैक पर रेंगकर ठीक किया इंजन. (Video Grab)

जहांगीर आलम

  • समस्तीपुर,
  • 22 जून 2024,
  • अपडेटेड 9:20 AM IST

बिहार के समस्तीपुर में प्रेशर लीकेज की वजह से ट्रेन बीच पुल (bridge) पर रुक गई. इसके बाद लोको पायलट (Loco Pilot) ने जान जोखिम में डालकर समस्या सुलझाई. लोको पायलट ने ट्रेन के नीचे पुल पर रेंगकर इंजन के प्रेशर लीकेज को ठीक किया, तब कहीं ट्रेन आगे बढ़ी. इस मामले का वीडियो सामने आया है. डीआरएम ने दोनों चालकों को पुरस्कार देने की घोषणा की है.

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दरअसल, समस्तीपुर रेलमंडल के वाल्मीकि नगर और पनियावा स्टेशन के बीच बने पुल संख्या 382 पर अचानक लोको इंजन के अनलोडर वॉल्व से एयर प्रेशर लीकेज होने लगा. इसके कारण बीच पुल पर ट्रेन रुक गई. जिस जगह पर लीकेज हो रहा था, वहां तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं था, इसलिए लोको पायलट और सहायक लोको पायलट जान जोखिम में डालकर ट्रेन के नीचे रेंगते हुए लीकेज ठीक करने पहुंचे.

यहां देखें Video

काफी मशक्कत करने पर इंजन से अनलोडर वॉल्व से एयर प्रेशर का लीकेज ठीक हो सका. ट्रेन के नीचे पुल पर रेंगते हुए लोको पायलट बाहर निकले, इसका वीडियो भी सामने आया है. इसके बाद ट्रेन आगे बढ़ सकी. चालकों के इस साहसिक कार्य को देखते हुए समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने दोनों चालकों को 10 हजार रुपए का इनाम और प्रशस्ति-पत्र देने की घोषणा की है.

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बता दें कि ट्रेन संख्या 05497 अप नरकटियागंज गोरखपुर जब वाल्मीकि नगर और पनियावा के बीच पुल संख्या 382 पर पहुंची तो अचानक इंजन (लोको) के अनलोडर वॉल्व से एयर प्रेशर लीकेज होने लगा. इस कारण एमआर प्रेशर कम हो गया और ट्रेन बीच पुल पर रुक गई. पुल पर ट्रेन रुकने के बाद उसे ठीक करना बेहद मुश्किल था.

लोको पायलट अजय कुमार यादव और सहायक लोको पायलट नरकटियागंज रंजीत कुमार पुल पर लटकते और रेंगते हुए इंजन से हो रहे लीकेज वाले स्थान तक पहुंच गए. इसके बाद लीकेज को बंद करने में कामयाब हो गए, तब कहीं ट्रेन अपने गंतव्य स्टेशन की ओर आगे बढ़ी.

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