बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पूर्व आईपीएस और चर्चित समाजसेवी आचार्य किशोर कुणाल को मरणोपरांत देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित करने की सिफारिश की है. यह फैसला कैबिनेट सचिवालय विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार सर्वसम्मति से लिया गया है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आचार्य किशोर कुणाल, जो भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी से समाजसेवी बने थे उन्होंने महावीर मंदिर ट्रस्ट का नेतृत्व किया. यह ट्रस्ट बिहार के सबसे बड़े मंदिरों में से एक पटना के महावीर मंदिर का प्रबंधन करता है. बीते महीने 74 साल की आयु में उनका निधन हो गया था.
किशोर कुणाल ने अपने आईपीएस करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं. खासकर, 1990 के दशक में केंद्र सरकार द्वारा राम जन्मभूमि विवाद के समाधान के लिए गठित "अयोध्या सेल" में विशेष कार्याधिकारी के रूप में उनकी नियुक्ति की थी. इस दौरान उन्होंने विवाद को सुलझाने के लिए अहम प्रयास किए थे.
किशोर कुणाल को पद्म विभूषण की सिफारिश
बिहार ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी, जिनकी बेटी शांभवी समस्तीपुर से सांसद हैं और आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायन की पत्नी हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पद्म विभूषण की सिफारिश करने के लिए आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, 'यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि ऐसे महान समाजसेवी को पद्म विभूषण से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है.'
महावीर मंदिर कई अस्पतालों का करता है प्रबंधन
महावीर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से आचार्य किशोर कुणाल ने समाजसेवा के कई बड़े काम किए. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और धार्मिक पुनर्निर्माण के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके प्रयासों से ट्रस्ट ने न केवल बिहार बल्कि देशभर में एक विशिष्ट पहचान बनाई. महावीर मंदिर प्रबंधन बिहार में कई बड़े अस्पतालों का प्रबंधन करता है.
इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, 'आचार्य किशोर कुणाल का जीवन समाज सेवा और समर्पण का प्रतीक था. उन्हें यह सम्मान उनके कार्यों के प्रति हमारे सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक है.' यह सम्मान उनकी समाजसेवा और धर्मनिष्ठा का प्रमाण है.
aajtak.in