बिहार में बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट, नेपाल में भारी बारिश से उफान पर नदियों

बिहार के जल संसाधन विभाग ने बाढ़ के खतरे को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार, कोसी और गंडक नदियों के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. क्योंकि नेपाल में हो रही लगातार बारिश की वजह से कई जिलों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

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बिहार में बाढ़ (फाइल फोटो) बिहार में बाढ़ (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • पटना,
  • 27 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:55 PM IST

बिहार के जल संसाधन विभाग ने बाढ़ के खतरे को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है. विभाग के प्रधान सचिव ने  सुपौल जिला प्रशासन के लिए भी अलर्ट जारी किया है. पत्र जारी के बाद से कोसी नदी इलाके में अधिकारियों की टीम आपातकालीन आपदा की संभावना को देखते हुए सुपौल डीएम के निर्देश पर पर लोगों को अलर्ट किया गया है. 

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विभाग के अनुसार, कोसी और गंडक नदियों के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. क्योंकि नेपाल में हो रही लगातार बारिश की वजह से कई जिलों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सुपौल स्थित वीरपुर बैराज से 6 लाख 81 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने की संभावना है. तो वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बैराज से 6 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने की संभावना है. अगले दो से तीन दिनों तक पानी का जलस्तर काफी ऊपर जा सकता है.

नेपाल सीमावर्ती सुपौल में कोसी नदी में भीषण बाढ़ की संभावना के मद्देनजर जल संसाधन विभाग सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर सहित कटिहार जिले के डीएम, एसएसपी, एसपी को संबंधित पत्र जारी किया है.

पत्र के माध्यम से प्रधान सचिव ने कहा है कि बीते 24 घंटों में कोसी नदी बेसिन में नेपाल प्रभाग स्थित विभिन्न रेन गेज स्टेशनों पर अत्यधिक वर्षापात दर्ज हुई है, जिसके फलस्वरूप कोसी नदी का जलस्तर अप्रत्याशित रूप से वृद्धि की संभावनाएं हैं. साथ ही बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केन्द्र, अनिसाबाद, पटना द्वारा किए गए पूर्वानुमान के अनुसार, 28 सितंबर को दोपहर 12 बजे कोसी नदी में वीरपुर बैराज से 6,81,639 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावनाएं हैं, जिससे आपातकालीन स्थिति पैदा हो सकती है.

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जल स्रोत में उक्त पूर्वानुमानित अप्रत्याशित वृद्धि के फलस्वरूप कोसी पूर्वी और पश्चिमी तटबंधों सहित कोसी बराज आदि संरचनाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ने की संभावना है तथा कटाव, सीपेज, पाइपिंग, अंडर माइनिंग, ओभर-टॉपिंग, फ्लैश फ्लड आदि होने की संभावना भी हो सकती है. 

इसके मद्देनजर बाढ़ आपदा के दृष्टिकोण से सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाई जाए तथा तटबंध के नदी भाग के आवासितों को इसकी सूचना देते हुए यथोचित कार्रवाई की जाए. साथ ही बाढ़ आपदा के लिए जिला स्तर पर गठित दल की लगातार तलाशी सुनिश्चित कराई जाए.

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इनपुट- रामचन्द्र मेहता

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