बिहार: IAS अधिकारी संजीव हंस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने जब्त किए 12 करोड़

बिहार में IAS अधिकारी संजीव हंस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी ED ने एक छापेमारी के दौरान 11.64 करोड़ रुपये कैश जब्त किए हैं. यह छापेमारी बिहार निर्माण विभाग (BCD) के चीफ इंजीनियर तारिणी दास, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव मुमुक्षु चौधरी, शहरी विकास-आवास विभाग (UDHD) के एग्जक्यूटिव इंजीनियर उमेश कुमार सिंह सहित कई अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर की गई.

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IAS संजीव हंस मामले में ED की छापेमारी IAS संजीव हंस मामले में ED की छापेमारी

aajtak.in

  • पटना,
  • 28 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बिहार के आईएएस अधिकारी संजीव हंस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी के दौरान 11.64 करोड़ रुपये कैश जब्त किए हैं. ईडी ने गुरुवार को पटना में सात ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया. 

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने यह छापेमारी बिहार निर्माण विभाग (BCD) के चीफ इंजीनियर तारिणी दास, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव मुमुक्षु चौधरी, शहरी विकास-आवास विभाग (UDHD) के एग्जक्यूटिव इंजीनियर उमेश कुमार सिंह सहित कई अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर की गई.

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इसके अलावा, बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (BUIDCO) के उप परियोजना निदेशक अयाज अहमद, बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BMSICL) के डीजीएम (प्रोजेक्ट) सागर जायसवाल, बीएमएसआईसीएल के डीजीएम विकास झा और बिहार निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता साकेत कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई.

ईडी ने आरोप लगाया कि ये अधिकारी अलग-अलग टेंडर में "अनुकूल निर्णय" देने और कई ठेकेदारों के बिल पास करने के लिए रिश्वत लेते थे, इसमें पटना के ठेकेदार ऋषु श्री का भी नाम शामिल है.

ईडी के अनुसार, इस छापेमारी में 11.64 करोड़ रुपये नकद, संपत्ति के दस्तावेज, रिश्वतखोरी से जुड़े लेनदेन के कागजात और कई डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया कि किसके घर से कितनी राशि जब्त की गई.

संजीव हंस,1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर रह चुके हैं, उनके खिलाफ मामला बिहार पुलिस की विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) द्वारा दर्ज एफआईआर से जुड़ा है.

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ईडी ने आरोप लगाया है कि हंस ने बिहार सरकार में विभिन्न प्रमुख पदों पर रहते हुए और 2018-2023 के बीच केंद्र में प्रतिनियुक्ति के दौरान भ्रष्ट तरीकों से अवैध संपत्ति अर्जित की. फिलहाल, ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है.


 

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