पश्चिम चंपारण जिले की लौरिया विधानसभा सीट से तीन बार के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री विनय बिहारी एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे सार्वजनिक मंच से ‘भतार कार्ड’ और ‘जुगाड़ कार्ड’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं.
इस वीडियो में विनय बिहारी एक सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं, “कोई बाहर से आया है, पैसा खर्च कर, आधार कार्ड बनवाया, फिर भतार कार्ड, फिर जुगाड़ कार्ड...” उनकी इस टिप्पणी पर मंच पर मौजूद कुछ लोग हंसते हुए दिखते हैं, लेकिन इंटरनेट पर वीडियो वायरल होते ही आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया.
महिलाओं ने जताई नाराजगी
इस बयान को लेकर खासतौर पर महिलाओं में नाराजगी देखी जा रही है. स्थानीय महिलाओं और सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि “मजाक की भी एक सीमा होती है. मंच पर जब महिलाएं और बच्चे मौजूद हों, तब ऐसे शब्दों का प्रयोग किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता.”
कई लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या जनप्रतिनिधि ‘हंसाने’ के नाम पर भाषा की मर्यादा तोड़ सकते हैं? क्या सार्वजनिक मंच पर नेताओं को शब्दों का चयन और अधिक जिम्मेदारी से नहीं करना चाहिए?
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
यह पहला मौका नहीं है जब विनय बिहारी अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे हों. कुछ साल पहले उन्होंने विधानसभा में कहा था, “नीतीश कुमार के राज में विधायक लोग हिजड़ा हो गए हैं.” उस समय भी उनके बयान की तीखी आलोचना हुई थी और राष्ट्रीय मीडिया में इसे लेकर काफी बवाल मचा था.
क्या था मंच और कार्यक्रम का संदर्भ?
बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो विधायक के निजी निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम का है. हालांकि मंच पूरी तरह सार्वजनिक था और वहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे. ऐसे में यह तर्क कि यह ‘निजी कार्यक्रम’ था, आलोचना को कम करने में सफल नहीं हो पा रहा है.
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
वीडियो वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर इसकी जमकर आलोचना हो रही है. कई यूजर्स ने इसे ‘स्त्रीविरोधी’ और ‘अशोभनीय’ बताया है. लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को अपने शब्दों की गरिमा बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि उनके कहे गए शब्द समाज पर असर डालते हैं.
अभिषेक पाण्डेय