बिहार में बाढ़ ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं और कई ज़िलों में पानी ने तबाही मचा दी है. बिहार में बाढ़ से 10 ज़िले में 17 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. गांव के गांव जलमग्न हो चुके हैं, खेत डूब गए हैं और घरों की छतों तक पानी भर गया है.
भागलपुर में गंगा का जलस्तर 34.86 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन लोग अभी भी सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने की कोशिश में हैं. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे चिंता और बढ़ गई है.
बेगूसराय में करीब 3 लाख की आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. यहां हर तरफ गांव के गांव डूबे हुए हैं. आलम ये है कि दर्जनों घरों में ताला लटका हुआ है. लोग बाढ़ के चलते पलायन कर गए हैं. नालंदा में तेज बारिश के बाद शहर में सैलाब आ गया. सरकारी ऑफिस, मकान, दुकान, अस्पताल सब डूब गए. कुछ ही घंटों की बारिश ने स्मार्ट सिटी के दावों की असलियत सामने ला दी.
नवगछिया के मधुरानी प्रखंड के नासिक टोला में स्थित मंदिर में पानी घुस चुका है. बजरंगबली की मूर्ति भी आधे से ज्यादा जलमग्न है. नवगछिया जिला इन दिनों बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है. आज तक की टीम एक नाव पर सवार होकर जब गांव का जायजा लेने के लिए पहुंची तो पाया कि चारों तरफ कोसी नदी और गंगा का पानी फैल चुका है.
आज तक की टीम जिले के बाहर प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए मदरौनी प्रखंड पहुंची तो देखा कि इस प्रखंड के कई गांव जलमग्न है. मदरौनी प्रखंड के हालत तो ऐसे हैं कि कई गांव में नाव चल रही है और कोसी और गंगा का पानी कई गांव के साथ-साथ कई घरों में भी और स्कूल में प्रवेश कर चुका है.
ग्रामीणों ने बताया कि इस इलाके में पिछले 10 दिनों से कोसी और गंगा नदी का पानी फैलता जा रहा है, जिसकी वजह से हर साल की तरह इस साल भी हजारों की आबादी प्रभावित है. मधुरानी प्रखंड के नासिक टोला गांव में स्थित भगवान का मंदिर भी पूरी तरीके से जल मग्न हो चुका है.
बजरंगबली का मंदिर पानी में डूबा हुआ है और बजरंगबली की मूर्ति भी आधे से ज्यादा जानमग्न है. ग्रामीणों की नाराजगी प्रशासन को लेकर भी साफ तौर पर नजर आई. जब उन्होंने आरोप लगाया क उन्हें किसी प्रकार की प्रशासनिक मदद नहीं मिली है.
इस इलाके में रहने वाले लोगों के लिए ज्यादा मुसीबत यह है कि इस वक्त गंगा नदी में पानी भरा हुआ है और कोसी का पानी निकालने का कोई रास्ता नहीं है. इस कारण से दोनों नदियों के मिलन के कारण किसी इलाके में हर साल बाढ़ की आपदा आती रहती है.
रोहित कुमार सिंह