तंत्र-मंत्र में गई बच्चे की जान, बीमारी में डॉक्टर की जगह झाड़-फूंक के लिए ले गया था परिवार

Bihar News: बिहार के मोतिहारी में एक 12 साल के बच्चे के तबियत खराब होने पर उसके परिवार वाले उसे डॉक्टर के बजाय तांत्रिक के पास ले गए.  यहां झाड़ फूंक के दौरान बच्चे की जान चली गई जिससे हड़कंप मच गया.

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बच्चे की झाड़फूंक करने वाला तांत्रिक बच्चे की झाड़फूंक करने वाला तांत्रिक

सचिन पांडेय

  • मोतिहारी,
  • 04 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

आज के इस आधुनिक युग में भी लोगों पर अन्धविश्वास इस कदर हावी है कि वे तंत्र मंत्र के चक्कर में अपना सबकुछ न्योछावर कर रहे है. वे अपनों की बलि तक चढ़ा दे रहे हैं. इसका जीता जागता उदाहरण एक बार फिर बिहार के मोतिहारी में देखने को मिला है.  

यहां एक बच्चे के तबियत खराब होने पर उसके परिवार वाले उसे डॉक्टर के बजाय तांत्रिक के पास ले गए. यहां के जीवधारा के रघुनाथ पुर गांव मे सुमन नाम के 12 साल के इस बच्चे की तंत्र मंत्र के चक्कर में जान ही चली गई. इसके बाद से उसके परिजनों में हाहाकार मचा हुआ है और उनका  रो रोकर बुरा हाल है.  

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दरअसल सरोज देवी के बेटे सुमव की अचानक तबियत खराब हो गई जिसके बाद वे लोग उसको डॉक्टर के बजाय उत्तर प्रदेश के बरेली से आए एक 18 साल के ढोंगी तांत्रिक राहिल खान के पास ले गए. यहां उक्त ढोंगी ने उसकी झाड़ फूंक शुरू की और अंत मे बच्चे की मौत हो गई . बाद में जब वे लोग उसे डॉक्टर के पास ले गए तो पता चला कि उनके बेटे  की मौत हो चुकी है . 

तस्वीरों में आपको जो तांत्रिक दिख रहा है उसकी उम्र तकरीबन 18 से 20 वर्ष के बीच है और वो इन सबके बावजूद अपने आप को तांत्रिक बता रहा है और दावा कर रहा है कि उसने ऐसे कई बच्चों की जान बचाई है . वह बड़ी ही बेशर्मी से कह रहा है कि इस बच्चे पर बहुत प्रेत ओर डायन का प्रकोप था और काली नजर के कारण ही उसकी मौत हुई है.

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बताते चलें कि बलि से जुड़ा ये कोई पहला मामला नहीं है बल्कि आए दिन मानव बलि के चौंकाने वाले मामले सामने आते हैं. इनमें अधिकतर केस में तंत्र मंत्र में सिद्धी हासिल करने के लिए छोटे बच्चों को अगवा कर बलि की वारदातें सामने आती है.

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