अनोखी शव यात्रा... अंतिम संस्कार में लोगों ने मनाया होली जैसा जश्न, 'लागे नहीं मनवां...' सॉन्ग पर किया डांस

आरा में रविवार को अनोखी शवयात्रा निकली गई. इस अंतिम संस्कार में शामिल लोग मातम मनाने के बजाय जश्न मनाते हुए दिखाई दिए. परिजनों का कहना था कि पिता के मरने के बाद हमें और हमारे परिवार के लोगों को दुख नहीं बल्कि खुशी है. हमारे यहां 108 साल में बुजुर्ग की मौत हुई है. इस वजह से ट्रैक्टर को सजाया है.

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वीडियो ग्रैब. वीडियो ग्रैब.

सोनू कुमार सिंह

  • आरा,
  • 11 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST

बिहार के आरा में रविवार को अनोखी शव यात्रा निकली गई. इस अंतिम संस्कार में शामिल लोग मातम मनाने के बजाय जश्न मनाते हुए दिखाई दिए. डीजे की धुन पर नाचते परिवार वाले रंग-गुलाल उड़ाते दिखे. रास्ते से गुजरने वाले लोग भी अचंभित होकर काफी देर तक इस नजारे को देखते हुए नजर आए.

दरअसल, पूरा मामला रविवार दोपहर कृष्णगढ़ ओपी क्षेत्र के महुली गंगा घाट जाने वाले रास्ते के बीच का है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बारा बसंतपुर गांव के रहने वाले सिद्धेश्वर पंडित का 108 वर्ष की उम्र में रविवार को मौत हो गई. इसको बाद उनके शव को परिजन और रिश्तेदार अंतिम संस्कार के लिए महुली गंगा घाट ले गए.

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शव यात्रा में डीजे की धुन पर नाचते दिखें परिजन

इस दौरान इस शव यात्रा में डीजे पर भोजपुरी के होली गीत बज रहा था. उसकी धुन पर मृतक के परिजन और रिश्तेदार एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाते हुए जमकर डांस कर रहे थे. इसके ठीक पीछे रंग बिरंगी बैलून से एक ट्रैक्टर को सजाया गया था और उसपर शव को रखकर शव यात्रा निकाली जा रही थी.

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'उनके मरने से हमें दुख नहीं बल्कि खुश हैं'

परिजनों ने कहना था कि उनके मरने से हमें दुख नहीं बल्कि खुश हैं. आज के समय मे सौ साल कोई नहीं जीता है. मगर, हमारे दादा 108 साल में मरे हैं. इसकी खुसी मनाते हुए ट्रैक्टर को सजाया गया है और शव यात्रा निकाला गया है.

मृतक के बेटे ने कही ये बात

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वहीं, मृतक के बेटे श्रीकिशुन कुमार ने बताया कि पिता के मरने के बाद हमें और हमारे परिवार के लोगों को दुख नहीं बल्कि खुशी है. हमारे यहां 108 साल में बुजुर्ग की मौत हुई है. इस वजह से खुशी मनाते हुए ट्रैक्टर को हम लोगों ने सजाया और उस पर शव रखा गया है. शव वाहन के आगे डीजे गाड़ी और उसके पीछे दर्जनों लोग नाचते-गाते पैदल अंतिम संस्कार में जा रहे हैं.

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