'डॉक्टर का बेटा डॉक्टर तो नेता का बेटा...' नीतीश के बेटे निशांत के राजनीति में आने के सवाल पर बोले आनंद मोहन

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने के सवाल पर पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने उसके राजनीति में आने का समर्थन करते हुए कहा है कि अगर पत्रकार का बेटा पत्रकार, डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर तो राजनीति में भी नई पीढ़ी का स्वागत है.

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नीतीश कुमार के साथ आनंद मोहन (फाइल फोटो) नीतीश कुमार के साथ आनंद मोहन (फाइल फोटो)

केशव आनंद

  • सीतामढ़ी,
  • 27 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:01 PM IST

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है. चुनाव में 7-8 महीने का ही वक्त बचा है. ऐसे में तमाम पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं. वहीं इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत के राजनीति में एंट्री को लेकर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बड़ा बयान दिया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने के सवाल पर जेडीयू नेता आनंद मोहन ने कहा, अगर पत्रकार का बेटा पत्रकार, डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर तो राजनीति में नई पीढ़ी का स्वागत है. वहीं चेतन आनंद के चुनाव लड़ने के सवाल पर वो भड़क गए.

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तेजस्वी पर आनंद मोहन ने किया पलटवार

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के डीके बॉस और वसूली वाले आरोप पर उन्होंने कहा कि पटना गवाह है कि उनके छोटे से शासनकाल में सैकड़ों करोड़ रूपए उनके गुर्गों के द्वारा वसूली की गई. 

नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने की अटकलों पर आनंद मोहन ने तंज कसते हुए कहा कि पिता जी उनके दरवाज़ा खोलते हैं, नीतीश जी साथ चले जाएं तो सब अच्छा हो जाएगा, चाचा हो जाएंगे मुख्यमंत्री, इनकी हालत अंगूर खट्टे हैं वाली है.

फाइनल में भी एनडीए की होगी जीत

आनंद मोहन ने आरजेडी शासनकाल की याद दिलाते हुए उस पर तंज कसते हुए कहा कि उपचुनाव को उन्होंने (आरजेडी)  सेमीफाइनल कहा था जो एनडीए ने जीत लिया और अब फाइनल में भी एनडीए को ही जीत मिलेगी. 

निशांत ने पिता के लिए मांगा था वोट

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बता दें कि अभी तक नीतीश कुमार की राजनीति से दूर रहे बेटे निशांत ने 8 जनवरी को अपने पिता नीतीश के साथ उनके गृह नगर बख्तियारपुर गए थे, जहां स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों का अनावरण किया गया. 

इस कार्यक्रम के दौरान, अपने पिता से कुछ कदम की दूरी पर खड़े होकर उन्होंने पत्रकारों से कहा था, 'अगर संभव हो, तो जेडीयू और मेरे पिता को वोट दें और उन्हें फिर से वापस लाएं.'

निशांत कुमार का यह बोलना ही जेडीयू में उनकी एंट्री का आधार माना जा रहा है. पार्टी के अंदर काफी दिनों से निशांत कुमार को शामिल करने और नहीं करने को लेकर माथापच्ची चलती रही है. कार्यकर्ता निशांत कुमार को लाने की डिमांड करते रहे हैं तो वरिष्ठ नेता इसे खारिज करते रहे हैं. 

 

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