भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने लखनऊ में प्रशांत किशोर के जन सुराज के नेता आनंद मिश्रा से मुलाकात की. पवन सिंह और आनंद मिश्रा दोनों ने बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा था. काराकाट से पवन सिंह की वजह से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा की हार हुई थी. वहीं, बक्सर में बीजेपी उम्मीदवार मिथलेश तिवारी की हार का कारण पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा बने थे. लोकसभा चुनाव के बाद आनंद मिश्रा, प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से जुड़ गए. पवन सिंह और आनंद मिश्रा की मुलाकात के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि आने वाले वक्त में भोजपुरी स्टार PK की पार्टी से जुड़ सकते हैं.
विवाद के बाद छोड़ दी भाजपा, लड़ा निर्दलीय चुनाव
पवन सिंह ने 2014 में बीजेपी जॉइन की थी. इस साल चुनाव से पहले मार्च में जब बीजेपी ने अपने लोकसभा प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, तो 195 प्रत्याशियों में से एक नाम पवन सिंह का भी था. उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया गया था. लेकिन उनका नाम सामने आते ही, बंगाल की रूलिंग पार्टी TMC (तृणमूल कांग्रेस) ने उन्हें निशाने पर ले लिया.
सोशल मीडिया पर पवन के 'महिला विरोधी और अश्लील' गानों के स्क्रीनशॉट शेयर किए जाने लगे और TMC लीडर साकेत गोखले ने पवन के गानों को लेकर बीजेपी को टारगेट करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था. इसके बाद पवन सिंह ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखा. उन्होंने बीजेपी के प्रेजिडेंट जे.पी. नड्डा को टैग करते हुए लिखा, 'भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार प्रकट करता हूं. पार्टी ने मुझ पर विश्वास करके आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया लेकिन किसी कारण वश मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा.'
पत्नी से हुआ समझौता
पवन सिंह अपनी दूसरी पत्नी, ज्योति सिंह के साथ विवाद और तलाक की खबरों को लेकर काफी वक्त तक सुर्खियों में रहे. ज्योति ने आरोप लगाया था कि पवन ने दो बार उनका एबॉर्शन करवाया और जान से मारने की धमकी भी दी. इस बीच ज्योति ने तलाक के लिए कोर्ट में केस भी फाइल किया, जिसपर सुनवाई शुरू हो चुकी थी. लेकिन 13 मार्च को पवन और ज्योति, इस केस की तारीख में कोर्ट नहीं पहुंचे तो इस चर्चा ने जोर पकड़ा कि इन दोनों में सुलह-समझौते के प्रयास जारी हैं.
शशि भूषण कुमार