GST Council Meet 2023: तगड़ा झटका! महंगी हो जाएंगी ये कारें, SUV की तरह इन गाड़ियों पर भी लगेगा 22% 'सेस'

ऐसे वाहन जिनकी लंबाई 4 मीटर से अधिक, 15,000 सीसी से अधिक इंजन क्षमता और 170 मिमी और उससे अधिक की ग्राउंड क्लीयरेंस होगा उन पर 22% उपकर (Cess) लगाने का फैसला किया गया है. भले ही उन वाहनों को कोई भी नाम दिया जाए, चाहे वो SUV हों या फिर MUV.

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

GST Council Meet 2023: वस्तु एवं सेवा कर (GST Council) परिषद ने मंगलवार को अपनी 50वीं बैठक में देश भर में मल्टी यूटिलिटी वाहनों (MUV) के लिए 22 प्रतिशत उपकर (Cess) लगाने की फिटमेंट समिति की सिफारिश पर सहमति व्यक्त की है. हालांकि, सेडान कारों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है. परिषद ने सभी तरह के यूटिलिटी वाहनों पर ये उपकर लगाने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि SUV वाहनों की ही तरह मल्टी-यूटिलिटी वाहन (MUV) पर भी 22% उपकर लगेगा. 

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इससे पहले फैसला किया गया था कि केवल स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल्स जिन्हें SUV के रूप में जाना जाता है, जिनकी लंबाई 4 मीटर से अधिक 15,000 सीसी से अधिक इंजन क्षमता और 170 मिमी और उससे अधिक की ग्राउंड क्लीयरेंस था उन पर ही 22% सेस (28% जीएसटी से अलग) लगेगा. अब परिषद के बयान में कहा गया है कि परिषद ने सभी तरह के यूटिलिटी व्हीकल 'चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाए' उन्हें इस श्रेणी में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन करने का फैसला किया गया है. 

लेकिन इस श्रेणी में वही वाहन शामिल होंगे जिनकी लंबाई 4,000 मिमी से अधिक हो, जिनकी इंजन क्षमता 1500 सीसी से अधिक हो और जिनका ग्राउंड क्लीयरेंस 170 मिमी या उससे अधिक हो. बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने एसयूवी वाहनों के लिए परिभाषा को स्पष्ट किया था. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "परिषद MUV वाहनों के लिए 22 प्रतिशत सेस लगाने की सिफारिश पर सहमत हो गई है, लेकिन सेडान कारों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है." उन्होंने कहा कि दो राज्य- पंजाब और तमिलनाडु सेडान को सूची में शामिल करने के खिलाफ थे, इसलिए इस पर सहमति नहीं बन सकी है. 

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कौन से वाहन होंगे महंगे?

बता दें कि मल्टी यूटिलिटी व्हीकल सेग्मेंट भी SUV की ही तरह देश में तेजी से मशहूर हो रहा है. इस सेग्मेंट में मूल रूप से मारुति सुजुकी अर्टिगा, टोयोटा इनोवा, किआ कारेंस जैसी कारें आती हैं. ये सभी कारें तकरीबन सरकार द्वारा परिभाषित पैरामीटर्स के दायरे में भी आती है. इसलिए संभव है कि जल्द ही इनकी कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा. देश में बेची जाने वाली ज्यादातर कारों पर 28% जीएसटी लगाया जाता है, इसके अलावा वाहन के प्रकार के आधार पर 1% से 22% तक अतिरिक्त उपकर (Cess) भी लगाया जाता है. एसयूवी वाहनों पर पर 22% मुआवजा उपकर के साथ 28% की दर से सबसे ज्यादा जीएसटी लागू होता है. 

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग और सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, "जैसी जानकारियां सामने आ रही हैं उस हिसाब से ऐसा प्रतीत होता है कि 28% जीएसटी स्लैब पर 22% का उपकर (Cess) अब तीन शर्तों (जो उपर बताया गया है) को पूरा करने वाले सभी वाहनों के लिए लागू होगा. सबसे पहली बात ये कि यह वाहनों की परिभाषा के बारे में भ्रम को दूर करता है, विशेष रूप से बिना लदे वाहन की स्थिति में लिया जाने वाला ग्राउंड क्लीयरेंस के मामले में.

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कंपनी के कारों की कीमत में इजाफा के बारे में श्रीवास्तव का कहना है कि मारुति सुजुकी के पास इन्विक्टो को छोड़कर 1.5 लीटर से ऊपर के इंजन साइज वाला कोई वाहन नहीं है. लेकिन इन्विक्टो के पास केवल एक हाइब्रिड वेरिएंट है, इसलिए इस पर उपकर लागू नहीं होना चाहिए. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है.

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