पुरानी गाड़ियां जी का जंजाल, Re-registering पर लगेगा आठ गुना चार्ज, बाइक भी लपेटे में

Car Re-registration Fee: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 1 अप्रैल से सभी 15 साल पुराने वाहनों के पंजीकरण को नवीनीकृत (Re-registering) करने के लिए कुल 5000 रुपये लगेगा. जबकि वर्तमान में केवल 600 रुपये लगता है.

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अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST
  • 15 साल से पुराने वाहनों का फिर से रजिस्ट्रेशन महंगा
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दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाना बैन है. पकड़े जाने पर सीधे कबाड़ में भेजने का आदेश है. इसलिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से दिल्लीवालों को सलाह दी गई है कि वो खुद अपनी पुरानी गाड़ियां स्क्रैप में दे दें.

हालांकि इसके साथ ही उन्हें एक विकल्प भी दिया गया है. वाहन मालिक नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेकर उसे दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं, जहां पुरानी गाड़ियों को चलाने पर अभी रोक नहीं है.

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लेकिन इस बीच लोग धड़ल्ले से दिल्ली समेत उन राज्यों के वाहनों को बेच रहे थे, जहां 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर रोक नहीं है. लेकिन अब ऐसे वाहनों को दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए फीस को 8 गुना तक बढ़ा दिया गया है. यह नियम दिल्ली में लागू नहीं होगा, क्योंकि यहां पहले से 15 साल पुरानी गाड़ियों को चलाना बैन है.  

8 गुना ज्यादा लगेगा चार्ज

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 1 अप्रैल से सभी 15 साल पुराने वाहनों के पंजीकरण को नवीनीकृत (Re-registering) करने के लिए कुल 5000 रुपये लगेगा. जबकि वर्तमान में केवल 600 रुपये लगता है. इस तरह से रि-रजिस्ट्रेशन पर चार्ज 8 गुना से ज्यादा चुकाना होगा. 

अगर दोपहिया वाहन की बात करें तो इसमें इजाफा किया गया है. टू-व्हीलर के लिए रि-रजिस्ट्रेशन फीस 300 के बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है. आयातित कारों पर 15,000 के बजाय 40,000 वसूला जाएगा. टैक्सियों के लिए 1,000 के बजाय अब 7,000 रुपये लगेंगे. 

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ट्रक-बस की बात करें तो 15 साल पुराने ऐसे वाहन पहले 1,500 रुपये में रिन्यू कर दिए जाते थे, वहीं अब इस काम में 12,500 रुपये लगेगा. छोटे पैसेंजर वाहनों को रिन्यू कराने में पहले 1,300 रुपये लगते थे, लेकिन अब इन्हें रिन्यू कराने में 10 हजार रुपये शुल्क लगाया जाएगा. 

देरी करने पर हर महीने जुर्माने का प्रावधान

यही नहीं, निजी वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण में देरी होने पर 300 रुपये हर महीने फाइन भी लगेगा. कमर्शियल वाहनों के लिए 500 रुपये प्रति माह जुर्माने का प्रावधान है. नए नियम यह भी कहते हैं कि 15 साल से पुराने निजी वाहनों को हर 5 साल में नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक NCR समेत भारत में कम से कम 1.20 करोड़ वाहन स्क्रैपिंग के योग्य हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय के हिसाब से करीब 17 लाख मीडियम और हेवी कमर्शियल वाहन 15 साल से पुराने हैं और वेलिड फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना चलाए जा रहे हैं. 

पुराने ट्रांसपोर्ट और कमर्शियल वाहनों के फिटनेस टेस्ट का खर्च भी अप्रैल से बढ़ जाएगा. कमर्शियल वाहनों के आठ साल से अधिक पुराने होने के बाद उनके लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य है.

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम 

यही नहीं, पुराने वाहनों को स्क्रैप करना आसान बनाने के लिए, परिवहन मंत्रालय ने पूरी आवेदन प्रक्रिया को देश में कहीं से भी ऑनलाइन दाखिल करने की अनुमति दी है. 

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गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में सरकार ने लोकसभा में बताया था कि देश में कुल 2.14 करोड़ ऐसी गाड़ियां हैं जो 20 साल पुरानी हैं. इसमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप के आंकड़े शामिल नहीं हैं, क्योंकि ये राज्य केन्द्रीय ‘वाहन’ पोर्टल पर नहीं हैं. 

देश में 20 साल से पुरानी सबसे ज्यादा 39.48 लाख गाड़ियां कर्नाटक राज्य में है. इसके बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली है जहां 36.14 लाख गाड़ियां 20 साल से ज्यादा पुरानी हैं. केन्द्र सरकार देश की सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाना चाहती है. इसका मकसद पुराने वाहनों से ज्यादा होने वाले वायु प्रदूषण को कम करना है.

 

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