मंच पर उतरेगी तुगलक और सुल्ताना डाकू की कहानी... मशहूर नाटकों के मंचन का गवाह बनेगा श्रीराम सेंटर

फेस्टिवल में गिरीश कर्नाड द्वारा लिखित ऐतिहासिक नाटक 'तुग़लक़' का मंचन किया जाएगा. इसका निर्देशन किया है जाने-माने रंग निर्देशक के. माडवाणे ने. ‘तुग़लक़’ मुहम्मद बिन तुग़लक़ की राजनीतिक और मानसिक द्वंद्व को बेहद सशक्त ढंग से प्रस्तुत करता है.

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श्रीराम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में नाट्य महोत्सव का शुभारंभ श्रीराम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में नाट्य महोत्सव का शुभारंभ

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

अगर आप थिएटर के दीवाने हैं और कला की इस विधा में आपकी जान बसती है तो जून की ये तपिश आपके लिए सुहानी बनने वाली है. राजधानी दिल्ली के नामी थिएटर श्रीराम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में एक बार फिर उनका वार्षिक आयोजन मनाने की पूरी तैयारी है. इस साल 5 से 8 जून 2025 तक 'शीला भरत राम थिएटर फेस्टिवल' का आयोजन किया जा रहा है. इस चार दिवसीय नाट्य उत्सव में आप कई प्रसिद्ध नाटकों का मंचन होते देख सकते हैं और इन्हें देखना आपके लिए एक अलग ही बेहतरीन अनुभव होगा. यह आयोजन चर्चित नाटकों और कई वरिष्ठ रंगकर्मियों को एक मंच पर लाएगा, जहां उनकी अदाकारी को सामने से देखना अपने आप में थिएटर की किसी क्लास से कम नहीं है.

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5 जून: 'तुग़लक़' से होगा शुभारंभ
इस फेस्टिवल की शुरुआत ही सबसे महत्वपूर्ण नाट्य मंचन से हो रही है. कई फिल्मों में चरित्र भूमिकाएं निभाने वाले और अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाने वाले अभिनेता गिरीश कर्नाड प्रसिद्ध नाटककार भी थे. फेस्टिवल में गिरीश कर्नाड द्वारा लिखित ऐतिहासिक नाटक 'तुग़लक़' का मंचन किया जाएगा. इसका निर्देशन किया है जाने-माने रंग निर्देशक के. माडवाणे ने. ‘तुग़लक़’ मुहम्मद बिन तुग़लक़ की राजनीतिक और मानसिक द्वंद्व को बेहद सशक्त ढंग से प्रस्तुत करता है. यह नाटक इतना प्रासंगिक और समसामयिक है कि इसके पात्र और कथानक कभी भी पुराने नहीं पड़ते हैं.

6 जून: दूसरे दिन 'डाकू सुल्ताना' का होगा मंचन
फेस्टिवल के अगले दिन मंच पर सजेगा बीहड़ और दिखेगी डाकुओं की जिंदगी की झलक, क्योंकि मंच पर होगा नाटक ‘डाकू सुल्ताना’ का मंचन. इसका निर्देशन किया है पद्मश्री राम दयाल शर्मा ने. यह एक बेहद सशक्त और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध प्रस्तुति मानी जाती रही है. नाटक की खासियत है कि इसमें सत्ता और जनसामान्य के बीच का एक संघर्ष तो नजर आता ही है, साथ ही लोककला और लोकनाट्य की झलक भी देखने को मिलेगी. 

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7 जून: युवाओं की मानसिक उलझन और पारिवारिक संघर्ष को दिखाएगा 'स्टक'
फेस्टिवल के तीसरे दिन पेश होगा नाटक Stuck. इस नाटक को लिखा और निर्देशित किया है युवा नाट्यकार मनीष वर्मा ने. ‘स्टक’ आज के युवा समाज की मानसिक उलझनों, पारिवारिक उलझाव और आत्मिक संघर्ष को मंच पर लाता है. यह प्रस्तुति आज के दौर की सच्चाइयों से रूबरू कराती है.

8 जून: 'अग्नि और बर्खा' में पौराणिक कथा और आधुनिकता का बेजोड़ संगम
फेस्टिवल का समापन होगा एक बार फिर गिरीश कर्नाड की ही रचना ‘अग्नि और बर्खा’ के साथ, जिसका निर्देशन किया है के.एस. राजेन्द्रन ने. यह नाटक पौराणिक कथाओं और आधुनिक सामाजिक चिंतन का अद्भुत संगम है, जो दर्शकों को रहस्य, दर्शन और कल्पना की दुनिया में ले जाता है.

यह रंग महोत्सव श्रीराम सेंटर ऑडिटोरियम, मंडी हाउस में आयोजित किया जाएगा. टिकट ₹1000, ₹499, ₹300 और ₹200 की श्रेणियों में उपलब्ध हैं. बुकिंग के लिए इच्छुक दर्शक 9599947637 या 011-23714307 पर संपर्क कर सकते हैं. इसकी बुकिंग ऐप बेस्ड भी है,  जिसे इसके जरिए ऑनलाइन भी बुक किया जा सकता है. यह फेस्टिवल उन सभी के लिए एक बेहतरीन अवसर है जो भारतीय रंगमंच की विविधता, गहराई और समकालीन प्रस्तुतियों से रूबरू होना चाहते हैं. देश के वरिष्ठ और युवा नाट्यकर्मियों की प्रस्तुतियां एक साथ एक मंच पर देखना वाकई दर्शकों के लिए एक अनूठा अनुभव होगा.

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