Subsidy On Maize Processing Unit: खेती-किसानी के साथ-साथ गांवों में अब व्यवसाय के अलग-अलग विकल्पों को खोजा जा रहा है. इन विकल्पों के सहारे सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है. इनमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी शामिल किया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने मक्का के खाद्य प्रसंस्करण यानी फूड प्रोसेसिंग के लिए अनुदान देने घोषणा की है.
इतनी मिलेगी सब्सिडी
बिहार सरकार के फैसले के मुताबिक किसानों, व्यक्तिगत निवेशकों और किसान उत्पादक संगठनों को इस सब्सिडी के लाभ के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. योजना के तहत मक्का प्रोसेसिंग यूनिट की इकाई लागत पर किसानों और व्यक्तिगत निवेशकों को 15% और किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ और एफपीसी को 25% तक की सब्सिडी दी जाएगी.
यहां करें आवेदन
अगर आप बिहार निवासी है और किसान हैं तो इस योजना का लाभ लेने के लिए बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय या बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. योजना के बारे अधिक जानकारी के लिए आप अपने जनपद के सहायक निदेश उद्यान विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं.
कैसे होती है मक्के की बुवाई
मक्के की खेती आप जायद, रबी और खरीफ तीनों ही वक्त कर सकते हैं. बीज की बुवाई मेड़ के किनारे व उपर 3-5 से.मी. की गहराई पर करनी चाहिए. बुवाई के एक माह पश्चात मिट्टी चढ़ाने का कार्य करना चाहिए. बुवाई किसी भी विधि से की जाए लेकिन खेत मे पौधों की संख्या 55-80 हजार/हेक्टेयर रखना चाहिए.
कब करनी चाहिए कटाई
फसल अवधि पूर्ण होने के पश्चात अर्थात् चारे वाली फसल बोने के 60-65 दिन बाद, दाने वाली देशी किस्म बोने के 75-85 दिन बाद, व संकर एवं संकुल किस्म बोने के 90-115 दिन बाद तथा दाने मे लगभग 25 प्रतिशत् तक नमी हाने पर कटाई करनी चाहिए. अगर फसल की ठीक तरीके से देखभाल की गई है और समय-समय पर उसकी सिंचाई की गई है तो मक्के की फसल के बंपर पैदावार अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
aajtak.in