इस बीमारी से ग्रसित गाय का दूध पिया तो आप भी हो सकते हैं बीमार, ये हैं लक्षण

इस रोग से पशुओं का थन भी सड़कर गिर जाता है. सबसे पहले इस रोग का शिकार होने पर पशुओं में बुखार आने लगता है. पशुओं में खाने के प्रति इच्छा कम हो जाती है. पशुओं का थन लकड़ी के समान कठोर हो जाता है. वह बेहद कम दूध देने लगती हैं.

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Thannela disease Thannela disease

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

गाय-भैंसों में थनैला जैसा रोग होता है. इस रोग में वे दूध देना कम कर देती हैं. अगर दूध देती भी हैं तो पीने लायक नहीं होता है. दूध में दुर्गंध, पीलापन, हल्कापन आने लगता है. थनैला भी कुछ इसी प्रकार का रोग है. इस रोग से कई बार पशुओं का थन भी सड़कर गिर जाता है. सबसे पहले इस रोग का शिकार होने पर पशुओं में बुखार आने लगता है. पशुओं में खाने के प्रति इच्छा कम हो जाती है. पशुओं का थन लकड़ी के समान कठोर हो जाता है. 

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दुधारू पशुओं में इन वजहों से होता है थनैला रोग

>गंदे हाथों से दूध दुहने की वजह से इस रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है.
>पशुओं का बाड़ा गंदा होने के चलते थनैला रोग हो सकता है,
>किसी संक्रमित पशु के गिरफ्त में आने के चलते 
>जीवाणु, विषाणु, माइकोप्लाज्मा अथवा कवक के संपर्क में आने से
>अनियमित तौर पर दूध दुहने की वजह से 

दुधारू पशुओं का इस तरह से करें बचाव

पशुओं को स्वच्छ आवास उपलब्ध करवाएं. इस बात का ध्यान रखें कि जहां आपका पशु रहता है, वहां किसी भी प्रकार की कोई गंदगी न हो. आमतौर पर यह बीमारी गंदे हाथों से दूध दुहने से होती है, लिहाजा आप दूध दुहते समय अपने हाथों को अच्छे से धो लें. आपके हाथों में कई प्रकार के विषाणु अपनी जगह बना लेते हैं. इसके बाद जब आप इन्हीं विषाणुयुक्त हाथों से पशुओं के थन को स्पर्श करते हैं, तो यह विषाणु उनके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. इससे गाय-भैंसों में थनैली रोग होने की संभावनाएं बढ़ा जाती है.

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