इन 12 भारतीय नस्लों की भैंसें देती हैं सबसे ज्यादा दूध, होगी छप्परफाड़ कमाई

देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पशुपालन आमदनी का एक बढ़िया स्रोत साबित हो रहा है. यहां बड़ी संख्या में किसान ज्यादा दूध देने वाली भैंसों का पालन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं कि देश के किसान किन 12 नस्लों की भैंसों का पालन कर अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं.

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Indian breed buffaloes Indian breed buffaloes

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST

देश में किसानों के लिए खेती के बाद आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत पशुपालन ही है. इनमें भी एक बड़ी आबादी भैंस और गाय पालन से जुड़ी हुई है. भारत विश्व में भैसों की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के अनुसार देश में भैंसों की 26 तरह की नस्लें हैं. इनमें से मुर्रा, नीलीरावी, जाफराबादी, नागपुरी, पंढरपुरी, बन्नी, भदावरी, चिल्का, कालाखंडी, मेहसाणा, सुर्ती, तोड़ा, जैसी भैंस ऐसी नस्लें हैं जो सबसे अधिक दूध देने वाले पशुओं में शामिल हैं.

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मुर्रा भैंस

सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंसों में मुर्रा नस्ल को सबसे ज्यादा अव्वल माना जाती हैं. इनका पालन उत्तर भारत के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जाता है. दावा किया जाता है कि ये भैंस महीने भर में 1000 लीटर से अधिक दूध देती है.

जाफराबादी भैंस

जाफराबादी नस्ल की भैंसों की भी दूध देने की क्षमता काफी अधिक होती है. दावा किया जाता है कि ये भैंस इतनी ताकतवर होती है कि ये शेर से भी भिड़ सकती है. ये भैंस भी महीने भर में 1000 लीटर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है.

सुर्ती भैंस

पशुपालकों की सबसे पसंदीदा भैंस में सुर्ती नस्ल भी शामिल है. अगर डेयरी व्यवसाय से बढ़िया मुनाफा कमाना है तो इस नस्ल की भैंस पाली जा सकती है. ये भैंस महीने भर में 600 से 1000 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.

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मेहसाणा भैंस

भैंस की यह नस्ल गुजरात के मेहसाणा जिले और गुजरात से लगे महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में पायी जाती है.  ये भैंस भी महीने भर में 600-700 लीटर तक दूध देती है.

पंढरपुरी भैंस

यह नस्ल महाराष्ट्र के सोलापुर, कोल्हापुर, रत्नागिरी जैसे जिलों में पायी जाती है. ये भैंस भी महीने भर में 500-600 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.

चिल्का भैंस

 उड़ीसा कटक, गंजम, पुरी और खुर्दा जिलों में पाई जाने वाली चिल्का भैंस भी पशुपालकों की पसंदीदा रही है. ये भैंस भी महीने भर में 400 से 500 लीटर तक दूध दे सकती है.

तोड़ा भैंस

यह नस्ल तमिलनाडु के नीलगिरी पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है. दावा किया जाता है कि ये भैंस महीने भर में 300 से 400 लीटर तक दूध दे सकती है.

भदावरी भैंस

यह नस्ल उत्तर प्रदेश के आगरा, इटावा और मध्य प्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में पाई जाती है. इसकी महीने भर की दुग्ध उत्पादन क्षमता तकरीबन 500-600 लीटर है.

कालाखंडी भैंस

कालाखंडी भैंस का रंग काला-भूरा होता है. यह ओडिशा और आंध्र प्रदेश में पाई जाती हैं. माना जाता है कि ये भैंस महीने भर में 400 लीटर तक दूध दे सकती है.

नीली रावी भैंस

इस नस्ल की भैंस मूल रूप से रावी नदी के किनारे की हैं. फिलहाल ये अब पूरे भारत में बड़े स्तर पर पाली जाने लगी हैं. इस भैंस की भी महीने भर की दुग्ध उत्पादन क्षमता 500 से 700 लीटर है.

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बन्नी भैंस

गुजरात के कच्छ क्षेत्र में पाई जाने वाली बन्नी भैंस को कुंडी नाम से भी जाना जाता है. ये भैंस महीने भर में तकरीबन 500 लीटर दूध दे सकती है.

नागपुरी भैंस

यह महाराष्ट्र के नागपुर, अकोला और अमरावती जिले में पायी जाती है. इनकी सींघ तलवार की तरह लंबी होती हैं. ये भैंस भी महीने भर में 500 लीटर तक दूध दे सकती है.

 

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