आलू बारहमासी सब्जियों में से एक है. बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. यही वजह है कि आलू की खेती करने वाले किसान हमेशा मुनाफे में रहते हैं. आलू को किसी भी सब्जी के साथ पकाया जा सकता है. इसे सब्जियों का राजा भी कहा जाता है. किसानों को हम आलू की ऐसी किस्म के बारे में बता रहे हैं, जिसकी खेती कर किसान शानदार मुनाफा कमा सकते हैं.
आलू की खेती में इस किस्म को दें प्राथमिकता
ICAR के मुताबिक, अगर आप आलू की खेती व्यापार की दृष्टि से करना चाहते हैं तो आपको 'कुफरी पुखराज' किस्म को प्राथमिकता देनी चाहिए. यह किस्म उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है. कम अवधि में अधिक आलू उत्पादन के लिए भी इस किस्म को जाना जाता है.
पाला या झुलसा लगने की संभावनाएं कम
आलू की इस फसल में बीमारियां कम लगती हैं. पाला या झुलसा लगने की संभावनाएं भी कम होती है. लगभग 100 दिनों के अंदर ये फसल तैयार हो जाती है. एक हेक्टेयर में इससे करीब 400 क्विंटल तक की फसल तैयार हो जाती है. उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, झारखंड, असम,पंजाब, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा के कुल आलू उत्पादन में कुफरी पुखराज का 80 प्रतिशत तक हिस्सा है.
वहीं, देश भर में आलू के कुल उत्पादन में 33 प्रतिशत हिस्सा इसका है. बता दें कि वर्ष 2021-22 के दौरान वार्षिक आर्थिक अधिशेष 4729 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है.
नगदी फसल है आलू
बता दें कि आलू एक प्रमुख नगदी फसल है. इसमें स्टार्च, प्रोटीन, विटामिन-सी और खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. अधिक उपज देने वाली किस्मों की समय से बोआई, संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग, समुचित कीटनाशक, उचित जल प्रबंधन के जरिये आलू का अधिक उत्पादन कर किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है.
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