वेस्ट डिकंपोजर से बढ़ेगी किसानों की उपज, आमदनी में भी होगा बंपर इजाफा

Waste Decomposer: वेस्ट डीकम्पोजर गाय के गोबर से खोजा गया एक तरल उत्पाद है. इसमें सूक्ष्म जीवाणु हैं पाए जाते हैं, जो फसल अवशेष, गोबर, जैव कचरे को खाते हैं और तेजी से बढ़ोतरी करते हैं और भूमि में जैविक कार्बन की मात्रा को बढ़ाते है.

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Waste decomposers use Waste decomposers use

पिन्टू लाल मीना

  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST

Waste decomposers use: खेती-किसानी में किसानों के बीच अंधाधुंध रसायनों का उपयोग बढ़ गया है. इससे भूमि की जमीनों के उत्पादकता पर काफी असर पड़ रहा है. इसके अलावा लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. वहीं, प्रदूषण भी बहुत अधिक हो रहा है और दिल्ली जैसे महानगरो में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है.

इन सब समस्याओं से बचने के लिए सराकार द्वारा किसानों के लिए प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है. इसके तहत भूमि की जांच की जाती है. इससे पता लगाया जाता है कि जमीन में किन पोषक तत्वों की कमी है. फिर  खेत में जरूरी पोषक तत्वो की सिफारिश कार्ड के अंदर दी जाती है. इस सलाह पर अमल कर किसान अपनी जमीन की उत्पादकता बढ़ा देता है.

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क्या है वेस्ट डिकम्पोजर

वेस्ट डीकम्पोजर गाय के गोबर से खोजा गया एक तरल उत्पाद है. इसमें सूक्ष्म जीवाणु हैं पाये जाते हैं जो फसल अवशेष, गोबर, जैव कचरे को खाते हैं और तेजी से बढ़ोतरी करते हैं और भूमि में जैविक कार्बन की मात्रा को बढ़ाते है. जहां ये डाला जाता हैं एक श्रृंखला तैयार हो जाती है, जो कुछ ही दिनों में गोबर और कचरे को सड़ाकर खाद बना देती है. यह भूमि के अंदर जविक कार्बनिक पदार्थ की मात्रा को बढ़ाता है जो भूमि की उर्वरता बढाने के लिए बहुत जरूरी है. इसे जमीन में डालते हैं तो मिट्टी में मौजूद हानिकारक बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं की संख्या को नियंत्रित करता है। और भूमि को स्वास्थ्य बनाने में मदद करता है.

मिट्टी में कार्बन तत्वों का होना बेहद जरूरी

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 मिट्टी में पूरा खेल कार्बन तत्वों और पीएच का होता है. ज्यादा फर्टीलाइजर डालने से पीएच बढ़ता जाता है और कार्बन तत्व (जीवाश्म) कम होते जाते हैं. धीरे-धीरे जमीन बंजर होती चली जाती है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि किसानों को खेत में वेस्ट डिकंपोजर के साथ गोबर, फसल अवशेष आदि जरूर डाले जिससे मृदा में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ सके. इसका परिणाम ये होगा कि फसलों की उपज में बढ़ोत्तरी होगी.

घर पर ऐसे तैयार करें वेस्ट डिकंपोजर

किसान अपने घर पर भी वेस्ट डिकंपोजर तैयार कर सकते हैं. वेस्ट डीकम्पोजर को सीधे खेत में न उपयोग करने से  पहले इसका कल्चर बनाया जाता है. 20 ग्राम की इस शीशी में मौजूद तरल पदार्थ को 200 लीटर पानी से भरे एक ड्रम में डाला जाता है, जिसमें दो किलो गुड़ डाला जाता है. 

रोजाना इसे दो बार लक़ड़ी से हिलाते रहें. 5-6 दिनों में घोल में मौजूद ऊपरी सतह पर झाग बन जाते हैं तब ये अपने खेत में उपयोग के लिये तैयार माना जाता है.

इसको कैसे उपयोग करें  

20 मिली लीटर की शीशी से 200 लीटर तरल खाद तैयार होती है, इसे खेत में छिड़काव कर सकते हैं. गोबर-कचरे पर डालकर उसे खाद बना सकते हैं. इससे बीज का शोधन कर सकते हैं।अगर फसल में फफूंद जैसे रोग लगे हैं तो भी उस पर छिड़काव किया जा सकता है.

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इसके अलावा वेस्ट डिकम्पोजर के साथ हरी मिर्च, हल्दी, लहसुन और अदरक का रस निकालकर छिड़काव किया जाये तो फसल के रस चूसने वाले कीटो को नियंत्रित किया जा सकता है. इससे फसल की उपज के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

 

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