धान की फसल पर लग गए हैं खतरनाक कीट, बिना पैसा खर्च किए इस देसी तरीके से पाएं छुटकारा

आपको धान की रोपाई के 20 दिन बाद पाटा जरूर चलाना चाहिए. यह करने के लिए 10-15 फीट की बांस या उसी आकार और वजन की लकड़ी लें और खेतों में दो बार पाटा लगा दें. इससे कीटों से छुटकारा तो मिलेगा ही. साथ ही पौधों का विकास भी सही तरीके से होगा.

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धान की फसल पर लकड़ी का पाटा चलाने का तरीका धान की फसल पर लकड़ी का पाटा चलाने का तरीका

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST

खरीफ फसलों का सीजन चल रहा है. धान सहित इस सीजन की सभी फसलें खेतों में लग चुकी हैं. हालांकि, लगातार हो रही बारिश और नमी के चलते रोपी गई धान की फसल पर भी खतरा मंडराने लगा है. धान के पौधे पर लगने वाले सुंडी जैसे कीटों से फसल को भारी नुकसान हो सकता है. ऐसे में एक देसी उपाय से किसान शुरुआती चरण में धान पर लग रहे कीटों से छुटकारा पा सकते हैं. हम आपको यहां इसी उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं.

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धान की फसल पर लकड़ी का पाटा जरूर लगाएं

आपको धान की रोपाई के 20 दिन बाद पाटा जरूर चलाना चाहिए. यह करने के लिए 10-15 फीट की बांस या उसी आकार और वजन की लकड़ी लें और खेतों में दो बार पाटा लगा दें. इससे धान की जड़ों में थोड़ा झटका लगेगा है और जो फसलें छोटी या हल्की होती हैं उनको भी आगे निकलने व बढ़ने का मौका मिलता है. पाटा लगाने के दौरान खेत में पानी जरूर होना चाहिए.

ऐसा करने कीटों से मिलेगी 

पाटा लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि धान की फसलों में लगने वाली  सुंडी और पत्ती लपेटकर जैसे कीड़े पानी में गिरते ही मर जाते हैं, जिससे वह फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं. ध्यान रहे कि जब भी पाटा लगाएं, तो उल्टी और सीधी दोनों ही दिशाओं में लगाएं. ऐसा नहीं करने पर धान के पौधों को भारी नुकसान हो सकता है.

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कीटों से तुरंत मिलेगा छुटकारा

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक ये देसी विधि बेहद कारगर है. अगर धान की फसल में दो बार किसान ये कर दें तो उसमें कीट लगने की आशंका बहुत कम हो जाती है, दूसरा पौधे ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं.  इसके अलावा फसल को कीटनाशक की भी ज्यादा आवश्यकता नहीं पड़ती है. क्योंकि जब ये पौधे बढ़वार की स्थिति में होते हैं, उस दौरान अगर इन्हें तनाव (टेंशन) दी जाए तो ये ज्यादा तेजी से बढ़ने की कोशिश करते हैं, जिससे ज्यादा पौधे होते हैं और उत्पादन अच्छा मिलता है. इसके अलावा खेतों में लकड़ी के पाटे का उपयोग के लिए धन की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी. गरीब से गरीब किसान इस देसी तरीके का आसानी से इस्तेमाल कर सकता है.

 

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