भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन भी आजीविका का एक मुख्य स्रोत है. ऐसे में कई बार घातक बीमारियों से जब दुधारू पशुओं की मौत हो जाती है, तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. इस दौरान उनके सामने आजीविका का संकट भी उत्पन्न हो जाता है. इस स्थिति में किसानों के लिए पशुपालकों के लिए चलाई जा रही बीमा योजना बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है.
इन पशुओं का कराया जा सकता है बीमा
हरियाणा सरकार अपने यहां के किसानों को दुधारू पशुओं पर बीमा कराने की सुविधा प्रदान कर रही है. इस बीमा का प्रीमियम 25 से 300 रुपये होता है. इसके तहत एक पशु की मौत पर मुआवजे के रूप में अधिकतम 88 हजार तक का मुआवजा मिल सकता है. बड़े जानवरों में गाय, भैंस, सांड, झोटा ( प्रजनन के लिए), घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर और बैल का बीमा कराया जा सकता है. वहीं, छोटे जानवरों में भेड़, बकरी, खरगोश एवं सूअर का बीमा किया जाता है. प्रत्येक परिवार 5 पशुधन यूनिट का बीमा करवा सकता है. एक पशुधन यूनिट का मतलब एक बड़ा जानवर या 10 छोटे जानवर हैं.
इतना देना होगा प्रीमियम
राज्य सरकार के मुताबिक अनुसूचित जाति के पशुपालकों का बीमा निशुल्क होगा. वहीं, अन्य वर्गों को उनके दुधारू पशुओं के दुग्ध देने की क्षमता के आधार पर प्रीमियम देना होगा. ये प्रीमियम 100/200/300 रुपये भी हो सकती है. छोटे पशुओं का बीमा मात्र 25 रुपये प्रति पशुधन प्रति वर्ष देकर करा सकते हैं.
पशुधन बीमा कवरेज
इस योजना के तहत बीमित पशुधन की आकस्मिक एवं दुर्घटना मृत्यु को कवर किया गया है. बीमा हो जाने के शुरुआती 21 दिनों के भीतर दुर्घटना से मृत्यु हुए पशुओं का कवरेज शामिल होगा. इस दौरान पशुपालकों के लिए पुलिस सूचना देना अनिवार्य होगा. 21 दिनों के बाद पशु के आकस्मिक मृत्यु का कवरेज बीमा शुरू होगा. योजना के मुताबिक गाय के मुआवजे के तौर पर अधिकतम 83000 और भैंस पर अधिकतम 88000 रुपये मिलेंगे. छोटे पशु (बकरी, भेड़, सूअर इत्यादि) का अधिकतम मूल्य 10000 रुपये होगा
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