विशेष पशुधन सेक्टर पैकेज को कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी, 10 करोड़ किसानों को होगा लाभ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पशुपालन और डेयरी विभाग की कई बड़ी योजनाओं में संशोधन की मंजूरी दी गई है. इससे 10 करोड़ किसानों को लाभ मिल सकता है. यह मंजूरी इसलिये दी गई, ताकि पशुधन क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहन मिले.

Advertisement
विशेष पशुधन सेक्टर पैकेज को मिली मंजूरी विशेष पशुधन सेक्टर पैकेज को मिली मंजूरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST
  • 9800 करोड़ रुपये की सहायता देगी सरकार
  • 10 करोड़ किसानों को होगा इस योजना का लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने विशेष पशुधन सेक्टर पैकेज के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है. इससे पशुपालन क्षेत्र से जुड़े 10 करोड़ किसानों को लाभ मिल सकेगा. इस पैकेज के तहत केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान 54,618 करोड़ रुपये का कुल निवेश जुटाने के लिये 9800 करोड़ रुपये की सहायता देगी.

Advertisement

इसमें राज्य सरकारों, राज्य सहकारिताओं, वित्तीय संस्थानों, बाहरी वित्तीय एजेंसियों और अन्य हितधारकों के निवेश शामिल हैं. यह मंजूरी इसलिये दी गई, ताकि पशुधन क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहन मिले.

इसके आधार पर विभाग की सभी योजनाओं को तीन प्रमुख विकास योजनाओं की श्रेणी में शामिल किया जाएगा. इनमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और पशुधन जनगणना और एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (एलसी-एंड-आईएसएस) उप-योजनाओं के रूप में शामिल है.

रोग नियंत्रण कार्यक्रम का नाम बदलकर पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) रख दिया गया है. इसमें मौजूदा पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण तो है ही, लेकिन इसके साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और अवसंरचना विकास निधि को शामिल किया गया है.

इसी के साथ उल्लेखनीय है कि पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) और डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) को आपस में मिला दिया गया है. डेयरी गतिविधियों में संलग्न डेयरी सहकारिता और किसान उत्पादक संगठनों को भी इस तीसरी श्रेणी में शामिल कर लिया गया है, ताकि डेयरी सहकारिताओं को भी मदद मिल सके.

Advertisement

राष्ट्रीय गोकुल मिशन से स्वदेशी प्रजातियों के विकास और संरक्षण को मदद मिलेगी. इससे गांव के गरीब लोगों की आर्थिक हालत में भी सुधार होगा. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम योजना (एनपीडीडी) का लक्ष्य थोक में लगभग 8900 कूलर लगाने का है, जिसमें दूध रखा जा सके.

इस कदम से आठ लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा और 20 एलएलपीडी दूध की अतिरिक्त प्राप्ति संभव होगी. एनपीडीडी के अंतर्गत जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीआईसीए) से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जिससे 4500 गांवों में नई अवसंरचना का निर्माण होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement