टिड्डियों ने बढ़ाई किसान की चिंता, क्या 2020 की तरह इस बार भी फसल हो जाएगी बर्बाद?

पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर में पिछले दिनों जबरदस्त बारिश हुई थी. इसके चलते खेतों में नमी का वातावरण है. ये वातावरण टिड्डियों की ब्रीडिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसी वातावरण में स्थानीय तौर पर टिड्डियों की ब्रीडिंग हुई है. इससे किसानों में फसल को लेकर चिंता बढ़ गई है.

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Locust Attack Locust Attack

विमल भाटिया

  • जैसलमेर,
  • 13 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

जैसलमेर सहित राजस्थान के कई इलाकों में टिड्डियों की संख्या बढ़ने लगी है. इससे किसानों की फसल पर खतरा मंडरा रहा है. इस बार चिंता इस बात की है कि टिड्डियां पाकिस्तान से नहीं आई हैं. यह स्थानीय तौर पर पैदा हो रही हैं. टिड्डियों के इन दलों ने किसानों की फसल पर अटैक करना शुरू कर दिया है. इसकी जानकारी मिलने पर टिड्डी नियंत्रण विभाग द्वारा इन्हें कंट्रोल करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. फिलहाल, 10 प्रभावित सेंटरों पर सर्वे दल भिजवाए गए हैं. खासतौर पर जैसलमेर में 2 अतिरिक्त सर्वे दल टिड्डियों के संबंध में सर्वे कर रहा है. बता दें कि साल 2020 में टिड्डी दल के अटैक से राजस्थान में किसानों को भारी नुकसान पहुंचा था.

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टिड्डियों को नष्ट करने का किया जा रहा प्रयास

टिड्डी नियंत्रण विभाग के डिप्टी डाॅयरेक्टर डाॅ विरेन्द्र कुमार ने बताया कि जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में सुथार वाली मंडी क्षेत्र में 12 पी.डी व आस-पास के अन्य इलाकों में स्थानीय ब्रिडिंग के रुप में निकले बड़ी संख्या में टिड्डियां देखी गईं. इसकी जानकारी इन्हें नष्ट करने व नियंत्रण करने के लिए हमने मेलोथियन के साथ 4 टीमे प्रभावित इलाको में भेज दी हैं. करीब 120 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों को नियंत्रित किया गया है. जिन-जिन जगहों से टिड्डियों की मौजूदगी की खबर मिल रही है वहां-वहां टीमें भिजवाई जा रही हैं.

नहरी क्षेत्रों में टिड्डियों ने दिए अंडे

डाॅ विरेन्द्र कुमार ने बताया कि इस बार खासकर पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर में पिछले दिनों में जबरदस्त बारिश हुई थी. जिले में इसके चलते नमी का वातावरण है. ये वातावरण टिड्डियों की ब्रीडिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसी वातावरण  स्थानीय तौर पर टिड्डियों की ब्रीडिंग हुई हैं. पीले रंग की टिड्डियां फिलहाल मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं. उन्हें खत्म करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. 

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स्थिति पर लगातार बनी हुई है नजर

डाॅ विरेन्द्र कुमार के मुताबिक, इस बार पाकिस्तान से किसी प्रकार की कोई टिड्डियां नहीं आई हैं. ना ही वहां पर किसी प्रकार की टिड्डियों की मौजूदगी की कोई सूचना मिली है. 10 सेंटरो में 10 टीमें लगातार टिड्डियों की मौजूदगी के संबंध में जानकारी हासिल कर रही हैं. नहरी इलाकों में लोकल टिड्डियों ने अंड्डे दिए हैं, उसमें से निकले हापर्स तेज हवाओं में उड़ कर नहरी क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं.

साल 2020 में टिड्डियों के चलते किसानों को हुआ था भारी नुकसान

बता दें कि साल 2020 में पाकिस्तान से भारत में आए टिड्डियों ने राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में भारी तबाही मचाई थी. इसके चलते किसानों की हजारों एकड़ फसलें तबाह हो गई थी. इससे हजारों किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था. एक आंकड़े के मुताबिक टिड्डी विभाग की ओर से 6000 हेक्टेयर में उस समय स्प्रे किया गया था.

 

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