Adrak ki Kheti: पारंपरिक फसलों से किसानों को अब मुनाफा हासिल नहीं हो रहा है. इसी वजह से ज्यादातर किसान अब कम समय में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलों की तरफ रुख कर रहे हैं. अदरक भी उन्हीं फसलों में से एक है. चाय से लेकर सब्जी, अचार तक में अदरक का इस्तेमाल होता है. सालभर इसकी मांग बनी रहती है. ऐसे में कई किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
अदरक की खेती के लिए ये परिस्थितियां जरूरी
पपीता और दूसरे बड़े पेड़ों के बीच इसका फसलीकरण किया जा सकता है. इसकी खेती के लिए 6-7 पीएच वाली जमीन उपयुक्त है. एक हेक्टेयर में बुवाई के लिए 2 से 3 क्विंटल तक अदरक के बीज की जरूरत पड़ती है. बुवाई बाद हल्की मिट्टी या गोबर की खाद से इसके बीज को ढक दें. ध्यान दें जिस खेत में इसकी बुवाई हो रही है, वहां जलनिकासी की व्यवस्था सही होनी चाहिए.
अदरक बोने के लिए अदरक की पिछली फसल के कंद भी उपयोग में लाए जाते हैं. बड़े-बड़े अदरक के पंजों को इस तरह तोड़ लेते हैं कि एक टुकड़े में दो से तीन अंकुर रहे.
फसल तैयार होने में लगते हैं 8 से 9 महीने
अदरक की फसल को तैयार होने में 8 से 9 महीने का समय लग सकता है. एक हेक्टेयर में अदरक की पैदावार 150 से 200 क्विंटल तक हो जाती है. एक हेक्टेयर में अदरक की खेती में करीब 7-8 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है.
18 महीने तक हार्वेस्टिंग जरूरी नहीं
अधिकतर फसलों के साथ ये दिक्कत होती है कि जब वह तैयार हो जाती हैं तो उनकी हार्वेस्टिंग जरूरी होती है. अदरक के साथ ऐसा नहीं है. अदरक की फसल करीब 9 महीने में तैयार हो जाती है. अगर आपको लगे कि बाजार में दाम अच्छे नहीं मिल रहे हैं तो आप फसल को ना उखाड़ें. अदरक को 18 महीनों तक जमीन में छोड़ा जा सकता है.
लाखों का मुनाफा
इस वक्त बाजार में अदरक करीब 80 रुपये प्रति किलो बिक रही है. यदि इसे 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मानें तो एक हेक्टेयर में 25 लाख रुपये तक की आसानी से कमाई हो जाएगी.
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