ब्रेग्जिट डील पर समर्थन के लिए ब्रिटिश PM थेरेसा मे कर रहीं उत्तरी आयरलैंड की पार्टी से बात

उत्तरी आयरलैंड की डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. ब्रेग्जिट डील परब्रिटिश संसद में मिली दो करारी हार को जीत में बदलने के लिए डीयूपी के 10 सांसद थेरेसा मे के लिए महत्वपूर्ण है.

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे (file) ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे (file)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा में के यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए समर्थन जुटा रही हैं. अब वे उत्तरी आयरलैंड की डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. ब्रिटिश संसद में मिली दो करारी हार को जीत में बदलने के लिए डीयूपी के 10 सांसद थेरेसा के लिए महत्वपूर्ण है. उनका समर्थन थेरेसा मे की कंजरवेटिव पार्टी के कट्टरपंथी सदस्यों को प्रभावित कर सकता है.

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वहीं, विपक्ष अब बैकस्टॉप कहे जा रहे कदम पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यह उत्तरी आयरलैंड और आयरलैंड गणराज्य के बीच की सीमाओं के कठोर नियमों को नहीं स्वीकार करने के लिए बनाया गया है. हालांकि थेरेसा मे को सोमवार को उस समझ झटका लगा जब पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे खारिज कर दिया. जॉनसन ने डेली टेलीग्रॉफ में प्रकाशित अपने एक लेख में कहा कि बैकस्टॉप में और आगे परिवर्तन करने की आवश्यकता है.

ब्रेग्ज‍िट डील पर ढाई साल की बातचीत और दो असफल प्रयासों के बाद भी इस पर दुविधा बनी हुई है. अगर ब्रिटेन को डील पर बातचीत के लिए और समय चाहिए तो उसे परिषद के 27 सदस्यों की सहमति चाहिए. संघ की वार्ताकार मिशेल बार्नियर ने कहा कि परिषद यह जानना चाहता है कि ब्रिटेन क्यों बातचीत के लिए और समय चाहता है. अब इसका हल लंदन से ही निकाला जा सकेगा. संघ इसमें कुछ और नहीं कर सकता. हम तीसरी बार मौका नहीं दे सकते.

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13 मार्च की बैठक में यूरोपीय संघ ने कहा था कि वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता. अगर ब्रिटिश संसद यूरोपीय संघ के साथ हुए समझौते को मंजूर करने में असफल होती है और संघ ज्यादा समय देने में असमर्थ रहता है तो ब्रिटेन 29 मार्च को संघ से बिना किसी समझौते के अलग हो जाएगा.  इसलिए प्रधानमंत्री थेरेसा में ब्रेग्जिट के समर्थन में उत्तरी आयरलैंड की डीयूपी पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.

19 जून 2017 से इस संबंध में यूरोपीय संघ की परिषद में बातचीत चल रही है. पहली बार ब्रिटिश संसद में 15 जनवरी 2019 को मतदान हुआ था. उस समय भी यह प्रस्ताव 230 वोटों के अंतर से गिर गया था. 13 मार्च को भी डील के विपक्ष में ब्रिटिश संसद में 278 के बदले 321 वोट पड़े थे.

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