राम सहाय यादव नेपाल के नए उपराष्ट्रपति बने, वोटों के बड़े अंतर से दर्ज की जीत

नेपाल में उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे समाने आ गए हैं. मधेशी नेता राम सहाय प्रसाद यादव को देश का नया उपराष्ट्रपति चुन लिया गया है. उन्होंने 30,328 वोट हासिल किए. हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक नतीजों को जारी नहीं किया है. राम सहाय मधेस क्षेत्र के बड़े नेता है. वह 1990 से राजनीति में सक्रिय हैं.

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नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं राम सहाय यादव (फाइल फोटो) नेपाल के तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं राम सहाय यादव (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

नेपाल के मधेस क्षेत्र के नेता राम सहाय प्रसाद यादव को शुक्रवार को देश का नया उपराष्ट्रपति चुन लिया गया है. नेपाल के आठ दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन वाले उम्मीदवार यादव ने सीपीएन-यूएमएल की अष्ट लक्ष्मी शाक्य और जनमत पार्टी की ममता झा को हराया. काठमांडू पोस्ट अखबार ने बताया कि जनता समाजवादी पार्टी के 52 वर्षीय यादव ने 184 संघीय और 329 प्रांतीय सांसदों से 30,328 वोट हासिल किए. हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक आधिकारिक तौर पर नतीजे घोषित नहीं किए हैं. राम सहाय देश की तीसरे उपराष्ट्रपति होंगे.

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नंद बहादुर पुन की लेंगे जगह

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी अपनी पार्टी के अलावा नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-माओवादी सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट ने उन्हें वोट दिया है. इसमें कहा गया कि अष्ट लक्ष्मी शाक्य को 104 संघीय और 169 प्रांतीय सांसदों से वोट मिले और ममता झा को 23 संघीय और 15 प्रांतीय सांसदों से वोट मिले. रामसहाय नंद बहादुर पुन की जगह लेंगे. वह एक मधेसी नेता है. नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में मधेसी समुदाय ज्यादातर भारतीय मूल के हैं.

जीत के लिए चाहिए 26,315 वोट

संघीय संसद के 332 मतदाताओं और प्रांतीय विधानसभाओं के 550 मतदाताओं के वोटों का कुल भारांक 52,628 होता है. इस तरह एक उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए कम से कम 26,315 वोट चाहिए होते हैं. देश में 2008 में संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को अपनाने के बाद से यह तीसरा उप-राष्ट्रपति चुनाव है. उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है.

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मधेस आंदोलन में थे प्रमुख चेहरा

राम सहाय ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1990 में नेपाल सद्भावना पार्टी से की थी. वह मधेसी जन अधिकार फोरम के संस्थापक महासचिव थे. पहले मधेस आंदोलन (2007) में उनकी सक्रिय भूमिका थी. वह पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में बारा-2 से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे.
 

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