पाकिस्तान: महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति तोड़ने वाले TLP सदस्य को कोर्ट से मिली बेल

22 वर्षीय मोहम्मद रिजवान ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा था. उसने हथौड़े की मदद से मूर्ति को तोड़ा था. इस मामले ने पाकिस्तान में तो तूल पकड़ा ही, भारत में भी जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला.

Advertisement
जिसने तोड़ी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति, उसे बेल जिसने तोड़ी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति, उसे बेल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST
  • लगातार मूर्ति को बनाया गया निशाना
  • भारत ने पाक पर साधा था निशाना

कुछ दिन पहले पाकिस्तान के लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की एक मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की गई थी. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े एक शख्स ने इस काम को अंजाम दिया था. इस शर्मनाक घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल रहा था. अब पाकिस्तान के कोर्ट ने उस आरोपी को जमानत दे दी है.

जिसने तोड़ी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति,उसे बेल

Advertisement

बता दें कि 22 वर्षीय मोहम्मद रिजवान ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा था. उसने हथौड़े की मदद से मूर्ति को तोड़ा था. इस मामले ने पाकिस्तान में तो तूल पकड़ा ही, भारत में भी जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला. लेकिन अब कोर्ट ने उस आरोपी को बेल देते कह दिया है कि जिन धाराओं में ये मामला दर्ज किया गया था, उनमें जमानत देने का प्रावधान है. वैसे बेल जरूर दी गई है लेकिन आरोपी से पाकिस्तानी मुद्रा में 50 हजार रुयपे बतौर बॉन्ड जमा करवा दिए गए हैं.

विरोधी वकील ने जरूर इस जमानत का विरोध किया था. यहां तक कहा गया था कि इस घटना ने देश को शर्मसार किया है और बदमान करने का काम किया है. लेकिन फिर भी कोर्ट ने संविधान का हवाला देते हुए इस आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया.

Advertisement

लगातार मूर्ति को बनाया गया निशाना

जानकारी के लिए बता दें कि जून 2019 में पाकिस्तान के लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की इस भव्य प्रतिमा को बनवाया गया था. लेकिन वहां मौजूद कट्टरपंथियों ने कई मौकों पर उस मूर्ति को तोड़ने का प्रयास किया. कुल तीन बार इस मूर्ति पर हमला किया गया. लेकिन इसी महीने आरोपी मोहम्मद रिजवान ने सभी हदें पार करते हुए एक हथौड़े से उस प्रतिमा पर प्रहार किया.

भारत ने जताया कड़ा विरोध

अभी के लिए पाकिस्तान के पंजाब में स्थिति को काबू में रखा गया है. सीएम Usman Buzda ने भी जोर देकर कहा है कि आने वाले दिनों में इस मूर्ति को फिर पहले की तरह बना दिया जाएगा. लेकिन भारत ने इस घटना के तुरंत बाद ही अपनी तीखी प्रतिक्रिया दर्ज करवा दी थी.

विदेश मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट कहा गया कि पाकिस्तान ऐसे हमलों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहा है. ऐसी घटनाएं अल्पसंख्यकों के मन में डर पैदा कर रही हैं और समाज में बढ़ती असहिष्णुता का प्रतीक बन गई हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement